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सत्ता के लिए हिसार-ए-फिरोज़ा में होगा ‘संग्राम’

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू चंडीगढ़, 18 अप्रैल रोहतक की तरह हिसार संसदीय सीट भी पूरी तरह से हॉट हो चुकी है। यहां से मौजूदा सांसद एवं जजपा नेता दुष्यंत सिंह चौटाला के चुनावी रण में आने के बाद मुकाबला रोचक होने के आसार बन गये हैं। सत्तारूढ़ भाजपा केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह […]
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 18 अप्रैल
रोहतक की तरह हिसार संसदीय सीट भी पूरी तरह से हॉट हो चुकी है। यहां से मौजूदा सांसद एवं जजपा नेता दुष्यंत सिंह चौटाला के चुनावी रण में आने के बाद मुकाबला रोचक होने के आसार बन गये हैं। सत्तारूढ़ भाजपा केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह पर पहले ही दांव खेल चुकी है। वहीं भजन परिवार के चुनावी रण में उतरते ही इस सीट पर समूचे प्रदेश की नजरें होंगी। दुष्यंत चौटाला ने उन तमाम चर्चाओं पर विराम लगा दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि इस बार हिसार से दुष्यंत की बजाय उनकी मां नैना सिंह चौटाला या छोटे भाई दिग्विजय सिंह चौटाला को चुनाव लड़वाया जा सकता है। इनेलो से अलग होने के बाद जजपा को प्रदेश में स्थापित करने की कोशिश में जुटे दुष्यंत इससे पहले जींद उपचुनाव में अपने भाई दिग्विजय सिंह चौटाला को चुनाव लड़वा चुके हैं।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में दुष्यंत अगर हिसार से चुनाव नहीं लड़ते तो इसका गलत संदेश जाता। वैसे भी भजनलाल परिवार के साथ देवीलाल परिवार की सियासी भिड़ंत नई नहीं है। कुलदीप बिश्नोई के मुकाबले डॉ़ अजय सिंह चौटाला भी हिसार लोकसभा का उपचुनाव लड़ चुके हैं। उपचुनाव में अजय चौटाला की लगभग 7 हजार मतों से हार हुई थी, लेकिन इसके बाद दुष्यंत ने 2014 में इस हार का बदला लिया।
अब एक बार फिर भजनलाल परिवार के साथ स्व़ देवीलाल के पोते दुष्यंत की टक्कर होगी। हिसार का चुनाव इस बार इसलिए अधिक रोचक हो गया है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी अपने पूर्व आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह को यहां से चुनावी रण में उतार चुके हैं। सरकारी सेवा छोड़कर राजनीति के मैदान में कूदे बृजेंद्र के पिता बीरेंद्र सिंह उचाना कलां हलके से चुनाव लड़ते रहे हैं। वर्तमान में यहां से बृजेंद्र की मां प्रेमलता भाजपा विधायक हैं।

उचानाकलां हिसार का हलका, शामिल जींद में
हिसार में अकेले उचाना कलां ही ऐसा हलका है, जो जींद जिले में पड़ता है। इसी तरह से भिवानी जिले की बवानीखेड़ा विधानसभा सीट भी हिसार का ही पार्ट है। बाकी के सात हलकों – हिसार, आदमपुर, नलवा, हांसी, बरवाला, उकलाना व नारनौंद हिसार जिले में आते हैं। वर्तमान में इन 9 हलकों में से 3 जगह भाजपा विधायक हैं। हिसार से डॉ. कमल गुप्ता, नारनौंद से वित्त मंत्री कै. अभिमन्यु और बवानीखेड़ा से बिशम्बर वाल्मीकि विधायक हैं। उकलाना से इनेलो विधायक अनूप धानक जजपा के समर्थन में हैं। वहीं नारनौंद के पूर्व विधायक रामकुमार गौतम भी जजपा के साथ आ चुके हैं। नलवा से इनेलो विधायक रहे रणबीर सिंह गंगवा विधानसभा से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं। आदमपुर से खुद कुलदीप बिश्नोई और हांसी से उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई कांग्रेस विधायक हैं। बरवाला सीट पर इनेलो का कब्जा है।

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हिसार का इतिहास प्राचीनकाल से ही शौर्य, राष्ट्रीय प्रेम, बलिदान व देश पर मर-मिटने की उच्च परंपराएं यहां के लोगों में रही हैं। फिरोजशाह तुगलक ने 1354 में हिसार नगर की स्थापना की। ‘हिसार-ए-फिरोजा’ को महलों, मस्जिदों, बगीचों, नहरों और इमारतों से सजाया गया। ‘हिसार’ फारसी शब्द है। इसका अर्थ किला या घेरा है। अब देखना रोचक होगा कि इस ‘किले’ पर किसका कब्जा होता है।

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