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तकनीकी पेंच में फंस गया ट्रिपल आईटी का प्रोजेक्ट

सोनीपत शहर के साथ लगते गांव किलोहड़द में प्रदेश तथा केंद्र सरकार के साझे सहयोग से प्रस्तावित आईआईआईटी (भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान) के निर्माण में तकनीकी पेंच नहीं हट पा रहे हैं। यही वजह है कि यह संस्थान शुरू होना, तो दूर इसकी जमीनी के मसले ही हल नहीं हो रहे हैं। हालांकि, यह प्रोजेक्ट कभी का पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन बार-बार लगते अड़ंगों की वजह से ट्रिपल आईटी का सपना अभी अधर में है।
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सोनीपत शहर के साथ लगते गांव किलोहड़द में ट्रिपल आईटी के लिए चिन्हित की गई भूमि। -हप्र

पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 8 मार्च
सोनीपत शहर के साथ लगते गांव किलोहड़द में प्रदेश तथा केंद्र सरकार के साझे सहयोग से प्रस्तावित आईआईआईटी (भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान) के निर्माण में तकनीकी पेंच नहीं हट पा रहे हैं। यही वजह है कि यह संस्थान शुरू होना, तो दूर इसकी जमीनी के मसले ही हल नहीं हो रहे हैं। हालांकि, यह प्रोजेक्ट कभी का पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन बार-बार लगते अड़ंगों की वजह से ट्रिपल आईटी का सपना अभी अधर में है।
गौरतलब है कि पूर्व की भूपेंद्र सिंह हुड्डा शासित कांग्रेस सरकार के समय में 2014 में यह प्रोजेक्ट सोनीपत में लांच किया गया था। इस प्रोजेक्ट के लिए किलोहड़द गांव की पंचायती जमीन का ट्रांसफर हुआ था और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और पूर्व सीएम हुड्‌डा ने यहां नींव पत्थर रखा था। तय हुआ था कि अगले तीन साल में यह प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा। ट्रिपल आईटी के बनने से जहां इलाके में विकास को गति मिलनी थी, वहीं यहां के युवाओं को बेहतर शिक्षा का विकल्प मिलता और वह आगे बढ़ते, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही इस प्रोजेक्ट को पहले दिन से ब्रेक लग गए।
नहीं हुआ पंजीकरण
तय समझौते के अनुसार सरकार ने ट्रिपल आईटी के लिए 49 एकड़, 7 कनाल तथा 11 मरले जमीन के लिए 30 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से भुगतान करने की बात कही। प्रदेश सरकार को इस जमीन की 28 करोड़ 99 लाख रुपए की रकम ग्राम पंचायत को चुकानी थी। इसकी पहली किस्त बीते 10 अक्तूबर को ग्राम पंचायत के खाते में ट्रांसफर भी कर दी गई है। पहली किस्त के रूप में 5 करोड़ 80 लाख रुपए दिए गए हैं। तब बताया गया था कि 15 अक्तूबर तक जमीन का रजिस्ट्रेशन करा लिया जाएगा।
2014 : हुड्डा सरकार ने लांच किया था प्रोजेक्ट
28 करोड़ की राशि देनी थी ग्राम पंचायत को
05 करोड़ रुपए की पहली किस्त जमा हुई
दो धड़ों में बंट गया था गांव
दरअसल, कुछ समय बाद ही पंचायत ने मुफ्त में जमीन देने से मना कर दिया और मसला लंबे समय से खिंचता रहा। इसके बाद गांव दो धड़ों में बंट गया और एक पक्ष चाहता था कि ट्रिपल आईटी यहीं पर बने और दूसरा पक्ष इसके लिए पंचायत को पैसा देने की बात कह रहा था। आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद यह मसला हल हुआ और पिछले साल जुलाई में ग्राम पंचायत किलोहड़द व प्रदेश सरकार के बीच जमीन की नए सिरे खरीद करने को लेकर समझौता हुआ। इस समझौते के अनुसार प्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायत को मार्केट रेट अदा करने का प्रस्ताव स्वीकार किया था।
पहले ही हो चुकी है काफी देरी
केंद्रीय मानव संशाधन मंत्रालय इस प्रोजेक्ट को अपने अधीन ले लेगा और यहां पर कैंपस का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा, लेकिन पहले से ही काफी लेट हो चुका यह प्रोजेक्ट रजिस्ट्री को लेकर लटक गया। बताया जा रहा है कि जमीन की पूरी रकम चुकता होने के बाद ही रजिस्ट्री कराने की बात कही जा रही है। इसके बाद डीसी सोनीपत ने पंचायत विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग से इस मामले में क्लेरिफिकेशन मांगा, लेकिन पंचायती विभाग की ओर से दिए जाने वाले क्लेरिफिकेशन में देरी की जा रही है। इसके कारण पूरी प्रक्रिया अटकी हुई है।
रोहतक की तर्ज पर सेल डीड की सलाह
इस बारे में तकनीकी शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर दर्शन सिंह सिंधु का कहना है कि उनकी ओर से इस प्रोजेक्ट में किसी तरह की देरी नहीं है। अब मामला पंचायत विभाग और प्रशासन के बीच का है। रोहतक आईआईएम की तर्ज पर ट्रिपल आईटी की सेल डीड की जा सकती है। इसमें जहां तक उनको जानकारी मिली है, अभी पंचायत विभाग ने सेल डीड नहीं कराई है। जबकि एक किस्त अदा की जा चुकी है। इस मामले में फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में है। यहां से कोई निर्णय होने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।

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