बाल अधिकार आयोग का गठन करेगा हरियाणा
अदिति टंडन/ ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
नयी दिल्ली, 5 जून। संसद ने सात साल पहले बाल अधिकार के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय आयोग के गठन के लिए कानून इसी उद्देश्य से पारित किया था कि राज्य सरकारें भी ऐसा ही करेंगी। आखिरकार हरियाणा सरकार ने अब राज्य बाल अधिकार आयोग के गठन का फैसला कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि समस्त हरियाणा में चल रहे बाल संरक्षण घरों में बच्चों के साथ हो रहे यौन शोषण के मामलों को हाल ही में ट्रिब्यून ने उजागर किया था। इसी के दृष्टिïगत यह निर्णय लिया गया है। हालांकि राज्य में कार्यरत अधिकतर ‘अपना घर’ गैर पंजीकृत हैं। सरकार द्वारा अब 30 जून तक उनका पंजीकरण कराने को कहा गया है। यहां आज ट्रिब्यून से बात करते हुए हरियाणा की महिला व बाल विकास मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि सरकार ने अंतत: बाल अधिकार आयोग के गठन का फैसला ले लिया है। नयी दिल्ली में राज्य के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन से इतर उन्होंने कहा, ‘सिद्धांतत: निर्णय लिया जा चुका है। इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी। हम शीघ्र ही इसके गठन की जरूरी प्रक्रिया पूरी कर लेंगे।’
बाल संरक्षण गृह के हाल ही में ऐसे दो मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है जहां गृह के मालिकों को ही बच्चों से दुव्र्यवहार करते पाया गया था। ऐसा पहला मामला गुडग़ांव के ‘सुपर्णा का आंगन’ से संबंधित है, जिसमें कथित रूप से बाल गृह के मालिक की पूरी जानकारी में गृह की देखभाल करने वाले व्यक्ति द्वारा ही तीन नाबालिगों से दुष्कर्म किया गया। इसके शीघ्र बाद जसवंती द्वारा संचालित रोहतक के ‘अपना घर’ में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने छापा मारा था। इस दौरान पता चला कि वहां व्यवस्थित रूप से लड़कियों को परेशान कर उनका शारीरिक व यौन शोषण किया जा रहा था। जसवंती व उसकी सहमालिक को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग हरियाणा सरकार को बार-बार राज्य बाल अधिकार आयोग के गठन के लिए इसलिए लिखता रहा है, ताकि बाल अधिकार मामलों पर उचित ढंग से नजर रखी जा सके। लेकिन राज्य इसके गठन के लिए टालमटोल करता रहा है। गुडग़ांव तथा रोहतक के मामलों के समाचार ट्रिब्यून में प्रकाशित होने के बाद हाल ही में एक जनहित याचिका पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गयी थी। जिस पर कोर्ट ने इस मामले में राज्य को नोटिस जारी किये। अभी हाल ही में गुडग़ांव के एक अन्य बाल सुरक्षा गृह द्रोण फाउंडेशन से बचाये गये बच्चे रोहतक गृह से गायब पाये गये। एनसीपीसीआर द्वारा रोहतक गृह में छापे के बाद ये बच्चे दिल्ली में खोज निकाले गये।
हरियाणा में बाल अधिकारों का उल्लंघन चिंताजनक है। एनसीपीसीआर के एक सदस्य विनोद टिक्कू ने कहा कि एनसीपीसीआर अधिनियम पारित होने के बाद से ही हम राज्य से बाल अधिकार आयोग के गठन की मांग करते रहे हैं। हरियाणा, चंडीगढ़ तथा पंजाब उन कुछ राज्यों में से हैं जहां बाल अधिकार आयोग का गठन नहीं किया गया है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम की निगरानी के लिए इन राज्यों ने ‘राइट टू एजूकेशन प्रोटेक्शन अथारिटीज’ (आरईपीए) की नियुक्ति की है।
जसवंती से मेडल छिनेंगे : गीता भुक्कल ने आज कहा कि राज्य सरकार ने रोहतक प्रशासन को निर्देश दिये हैं कि जसवंती को दिये गये मेडल वापस ले लिये जाएं। रोहतक में बाल गृह की मालिक जसवंती अब जेल में है। गीता भुक्कल ने ट्रिब्यून न्यूज सर्विस को बताया कि हमने आदेश दिया है कि उसे आज तक दिये गये सभी मेडल वापस ले लिये जाएं।
हाईकोर्ट की जांच टीम पहुंची यमुनानगर के बालकुंज
यमुनानगर, 5 जून (हप्र)। रोहतक के अपना घर में अनाथ व असहाय बच्चों के शोषण के मामलों की जांच कर रही पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की टीम मंगलवार को अचानक यमुनानगर के छछरौली स्थित बालकुंज में जांच के लिए पहुंंची और इस चार सदस्यीय टीम ने बालकुंज में रह रहे लडके और लडकियों से कई तरह की जानकारी ली।
टीम के सुबह साढे आठ बजे बालकुंज पहुंचने की बात को स्वीकारते हुए उपायुक्त यमुनानगर अशोक सांगवान ने बताया कि टीम के सदस्य सीधे बालकुंज पहुंचे और उस समय वहां पर एसडीएम बिलासपुर अश्विनी मैगी मौजूद थे। रोहतक में जांच करने के बाद यमुनानगर के छछरौली बालकुंज पहुंची टीम ने उन लडकियों के संबंध में पूछताछ की जो 18 साल की होने के बाद रोहतक के अपना घर में भेजी जाती थी। उन्होंने लडकियों से पूछा कि उनके साथ यहां पर कैसा बर्ताव किया जाता है। इसके साथ ही टीम ने उन लडकियों से भी पूछताछ की जो 18 वर्ष की होने जा रही हैं। सूत्रों का कहना है कि टीम कई मुद्दों पर जांच व आगे के लिए 18 साल की होने के बाद बालकुंज से लडकियों को कहां भेजा जाए इस पर अपनी रिपोर्ट में उल्लेख कर सकती है। बालकुंज से 18 वर्ष की होने के बाद जो लडकियां रोहतक अपना घर में भेजी जाती थी उनकी उनको बिना बताए शादी कर दी जाती थी। बालकुंज यमुनानगर के बाद यह चार सदस्यीय टीम करनाल और फिर रोहतक जाएगी। गौरतलब है कि बाल कल्याण परिषद हरियाणा की चंडीगढ़ से आई चार सदस्यीय टीम बालकुंज के मामलों की अलग से जांच कर रही है। इसके अलावा सीटीएम कुमारी पूजा चावरियां भी जांच करके रिपोर्ट उपायुक्त को सोपेंगी।
वहीं, चंडीगढ से आई बाल कल्याण परिषद की महासचिव इंदू दहिया ने भी आज बालकुंज का दौरा किया और बच्चों से पूछताछ की । बाद में उन्होंने बताया कि वह बालकुंज में उस बच्ची के मामले की जांच करने को लेकर आई है जो बालकुंज में आने के दो घंटे बाद ही रहस्यमई ढंग से गायब हो गई।
उधर, केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि ऐसे संस्थानों की देखरेख की जिम्मेवारी स्थानीय प्रशासन की होती है। इसलिए उन्हें समय-समय पर जांच कर गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों की आस्था सरकार और प्रशासन से जूडी होती है। ऐसे में सरकार का दरमदार प्रशासन पर होता है। प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए की वह अपना काम ईमानदारी से करें ताकि ऐसी घटनाएं न हों।