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नशे पर भारी इश्क खुमारी

रचना खैरा/ट्रिन्यू जालंधर, 29 जून ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी जिंदगी कभी इतना खूबसूरत मोड़ ले लेगी। मैं माही (हर्षदीप) से कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान मिला था। यह पहली नज़र का प्यार था। लेकिन मुझे उसे अप्रोच करते हुए झिझक हो रही थी, क्योंकि उस समय मैं नशे का आदी था।’ […]

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रचना खैरा/ट्रिन्यू
जालंधर, 29 जून

वकील हर्षदीप कौर अपने पति अमनदीप के साथ।

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‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी जिंदगी कभी इतना खूबसूरत मोड़ ले लेगी। मैं माही (हर्षदीप) से कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान मिला था। यह पहली नज़र का प्यार था। लेकिन मुझे उसे अप्रोच करते हुए झिझक हो रही थी, क्योंकि उस समय मैं नशे का आदी था।’
ये कहना है अमनदीप शर्मा का। कहते हैं कि सब नशों पर भारी होता है प्यार का नशा। यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ। मोहाली की वकील हर्षदीप कौर अमनदीप के साथ शादी के बंधन में बंधी, इस खुलासे के बावजूद कि वह नशे का आदी है।
दोनों 2 माह पहले जालंधर के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मिले और दोनों ने शादी का फैसला किया। अब यह जोड़ा जालंधर में रह रहा है, जहां अमनदीप का पंजाब इंस्टीट्यूट  ऑफ मेडिकल साइंसिज़ में नशे से मुक्ति का इलाज चल रहा है। अमनदीप उस समय नशे के गर्त में धंस गया था, जब उसे व्यापार में भारी घाटा हुआ। अपने प्यार को पाने के लिए अमनदीप ने नशा छोडऩे का फैसला किया। वे कहते हैं-क्योंकि मुझे माही को पाना था, इसलिए मैंने नशा छोडऩे का फैसला किया।”
और जब माही से इस बारे पूछा गया तो उनका जवाब था-मैं तो अमनदीप की सादगी पर फिदा हो गयी थी। इसी के चलते मैंने नशे के खिलाफ उसकी लड़ाई में उसका साथ देने का फैसला किया और शादी की।” उन्होंने बताया कि शुरू-शुरू में उनके माता-पिता ने उनकी शादी पर विरोध जताया, पर बाद में वे मान गये।
यह जोड़ा अब अपने कुछ करीबी दोस्तों की मदद से नशे के खिलाफ अभियान शुरू करने जा रहा है।  अमनदीप कहते हैं कि मां-बाप को बच्चों के सामने कभी भी नहीं लडऩा चाहिए। हालात से उपजी निराशा के चलते वे नशों के आदी हो जाते हैं।

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