लकीरों को वहीं छोड़ दिया…जब छाले देखे
चंडीगढ़, 20 जून (ट्रिन्यू)
‘ना रहा चांद सितारों का मैं मोहताज कभी, अपनी मेहनत के सदा मैंने उजाले देखे। तजकरा उसने लकीरों को वहीं छोड़ दिया, जब नजूमी (ज्योतिषी) ने मेरे हाथों में छाले देखे।’ इस शायरी से अपनी बजटीय तकरीर का आगाज करने वाले शायर राजनेता मनप्रीत बादल का कहना है कि उन्हें किसानों के कर्ज का सही अंदाजा तो नहीं है, पर किसानों के दिलों से हाथों तक के छालों के दर्द का अहसास पूरा है। उन्होंने कहा कि किसानों की चिंता हम करेंगे।
मनप्रीत ने कहा, ‘हम बैंकों व कर्ज देने वाली तमाम संस्थाओं से सीधे जुड़ेंगे।’ उन्होंने कहा किसानों को अभी डेढ़ हजार करोड़ दे रहे हैं, अगले साल जरूरत के हिसाब से प्रावधान करेंगे। किसान परेशान न हों।
बजट भाषण के बाद ‘दैनिक ट्रिब्यून’ से बातचीत में मनप्रीत बादल ने कहा, ‘हालांकि पंजाब के 18 लाख किसानों में 10 लाख 20 हजार किसानों को कर्जमाफी का लाभ मिलेगा। किंतु यह भी सत्य है कि 18 लाख में से 13 लाख ही काश्तकारी करते हैं। हम तो 99 फीसदी गरीबों की ओर मुंह करके खड़े हैं।’
बजट भाषण के दौरान विपक्ष की आलोचनाओं पर उन्होंने इकबाल का शेर पढ़ा, ‘पिरोना एक हो तसबी में, इन बिखरे हुए दानों का। गर मुश्किल है तो, इस मुश्किल को आसां करके छोड़ूंगा। दिखा दूंगा जहां को जो मेरी आंखों ने देखा है, तुझे भी ऐ सूरते आईना हैरान करके छोड़ूंगा।’
केंद्र की बीमा योजना से सहमत नहीं : वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र की फसल बीमा योजना से उनकी सरकार सहमत नहीं है। इसकी जगह पंजाब सरकार अपनी खुद की योजना लाएगी। वैसे भी अन्य राज्यों के मुकाबले पंजाब में फसल का उतना ज्यादा नुकसान नहीं होता, जो होगा उसका मुआवजा भरपाई हम करेंगे।
युवाओं का रोजगार बढ़ाएंगे : वित्त मंत्री ने कहा कि युवाओं को उद्यमों की शुरुआत के लिए 3 फीसदी ब्याज हम शेयर करेंगे, केंद्र से छह से सात फीसदी ब्याज पर लोन मिलता है। वित्त मंत्री ने कहा कि स्मार्ट फोन योजना की आलोचना करने वालों को हम साफ कर देना चाहते हैं कि यह फोन मोबाइल कंपनियां देना चाहती हैं। कंपनियों को पंजाब में पहचान मिलेगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा।