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धड़कता रहा दिल और जिंदगी बचाने दौड़ती रही गाड़ी

अजय पांडेय/ट्रिन्यू नयी दिल्ली, 7 जनवरी सम-विषम योजना के प्रयोग से गुजर रही राजधानी में बृहस्पतिवार को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और अलग-अलग अस्पताल प्रशासन के बीच आपसी सामंजस्य से 4 लोगों को जीवनदान मिला। ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया और एक मृत किशोर के धड़कते दिल, जिगर और 2 गुर्दों को एक अस्पताल से […]
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अजय पांडेय/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 7 जनवरी
सम-विषम योजना के प्रयोग से गुजर रही राजधानी में बृहस्पतिवार को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और अलग-अलग अस्पताल प्रशासन के बीच आपसी सामंजस्य से 4 लोगों को जीवनदान मिला। ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया और एक मृत किशोर के धड़कते दिल, जिगर और 2 गुर्दों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल पहुंचाया।
यातायात पुलिस ने शालीमार बाग से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एक 17 वर्षीय किशोर के अंगदान से मिले दिल व जिगर को 2 अस्पतालों में पहुंचाया। सड़क हादसे में शिकार उस किशोर की मौत से एक परिवार की खुशियां छिन गईं। संकट की इस घड़ी में भी उसके माता-पिता के साहसिक फैसले और उस किशोर के अंगदान से इन लोगों को जीवन मिला, जिसमें 2 महिलाएं और 2 पुरुष हैं।
राजधानी के साकेत स्थित एक निजी अस्पताल में एक 46 वर्षीय महिला को हृदय प्रत्यारोपित किया गया। वह नजफगढ़ की रहने वाली है और उसका पति सेना में है। इसके अलावा यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान में 40 वर्षीय पुरुष को जिगर प्रत्यारोपित किया गया, जो दिल्ली पुलिस में कार्यरत है। मात्र

45 मिनट में पूरा हुआ दिल का 32 किमी का सफर
करीब 10.20 बजे हृदय लेकर एंबुलेंस साकेत के लिए रवाना हुई। उस वक्त व्यस्त समय होने के कारण सड़कों पर जाम होता है। शालीमार बाग से साकेत की दूरी 32 किलोमीटर है। इसलिए यातायात पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया और 45.23 मिनट में हृदय साकेत स्थित अस्पताल पहुंचा गया, जहां महिला को प्रत्यारोपण किया गया। अस्पताल के हृदय प्रत्यारोपण कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. केवल कृष्णन ने कहा कि महिला डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी की बीमारी से पीड़ित थी। इसके चलते उसके हृदय ने काम करना बंद कर दिया था। प्रत्यारोपण सफल रहा है। फिलहाल वह आइसीयू में भर्ती है।

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बुधवार रात को ब्रेन डेड हुआ था किशोर
डॉक्टरों के अनुसार सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उस किशोर को इलाज के लिए शालीमार बाग स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था, उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और बुधवार रात को डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। साथ ही उसके परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित किया। परिजनों ने उसके हृदय, जिगर, दोनों गुर्दे और कॉर्निया दान करने की सहमति दी।
तब बुधवार रात इसकी सूचना आइएलबीएस और साकेत स्थित अस्पताल के डॉक्टरों को दी गई। इसके बाद बृहस्पतिवार सुबह में जिगर लेने के लिए आइएलबीएस और हृदय लेने के लिए साकेत से डॉक्टर शालीमार बाग पहुंचे।

पुलिस जवान को किया जिगर प्रत्यारोपित
आइएलबीएस के मुख्य लिवर प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. वी पामेचा ने बताया कि जिगर दिल्ली पुलिस के एक कर्मी को प्रत्यारोपित किया गया, जिसे हेपेटाइटिस बी के चलते सिरोसिस हो गया था।

2 लोगों को किया गया गुर्दों का प्रत्यारोपण
गुर्दों का प्रत्यारोपण शालीमार बाग स्थित अस्पताल में ही एक 35 साल की महिला और 22 साल के एक युवक को किया गया। महिला मेरठ की रहने वाली है, जबकि युवक दिल्ली का ही रहने वाला है।

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