जेपीसी ने दूरसंचार लाइसेंसों, स्पेक्ट्रम के बारे में विचार मांगे
नयी दिल्ली, 7 अप्रैल (भाषा)। लाइसेंसों और स्पेक्ट्रम आवंटन संबंधी दूरसंचार नीतियों की छानबीन कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने आज इस मुद्दे पर आम जनता, विशेषज्ञों और संगठनों से विचार भेजने को कहा।
कांग्रेस सांसद पी. सी. चाको की अध्यक्षता वाली समिति ने विभिन्न साझेदारों से इस विषय पर दो सप्ताह के भीतर विचार और सुझाव मांगे हैं।
जेपीसी ने यह भी कहा है कि जो लोग समिति के समक्ष आकर विचार रखना चाहते हैं, वे इसका विशेष तौर पर जिक्र करें। हालांकि, इस संबंध में समिति का फैसला ही अंतिम माना जाएगा। जेपीसी की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया कि समिति को ज्ञापन सौंपना चाह रहे लोग भी अपने विचारों और सुझावों की अंग्रेजी या हिंदी में दो प्रतियां आज से दो सप्ताह के भीतर भेज सकते हैं।
ये सुझाव समिति के कार्यक्षेत्रों के अनुरूप ही होने चाहिए और इन्हें सीलबंद लिफाफे में ‘निदेशक (टीएलएस) लोकसभा सचिवालय, कमरा नंबर 004, तलघर, संसद भवन एनेक्सी, नई दिल्ली-110001’ पते पर भेजा जा सकता है।
ज्ञापनों को ‘जेपीसीटीएलएस-एलएसएस एट संसद डॉट एनआईसी डॉट इन’ पर ईमेल किया जा सकता है या 011-23093919 पर फैक्स किया जा सकता है।
जेपीसी ने कहा कि ये सुझाव समिति के रिकॉर्ड का हिस्सा बनेंगे और उन्हें अत्यंत गोपनीय माना जाएगा। सुझावों की विषय वस्तु का किसी के भी समक्ष खुलासा नहीं किया जाएगा क्योंकि खुलासा करना समिति के ‘विशेषाधिकार’ का उल्लंघन होगा।
तीस सदस्यीय जेपीसी को संसद के मानसून सत्र के अंत तक रिपोर्ट देनी है। संसद के दोनों सदनों में 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले को लेकर लंबे समय तक गतिरोध कायम रहने के बाद पिछले महीने ही इस समिति का गठन किया गया था।
समिति वर्ष 1998 से 2009 के बीच की दूरसंचार नीति की छानबीन करेगी जिसमें दूरसंचार लाइसेंसों तथा स्पेक्ट्रम आवंटन और उसकी कीमतों का विषय शामिल रहेगा। समिति कथित अनियमितताओं और इसके नतीजतन नीति के अमल पर हुए परिणामों की भी पड़ताल करेगी। जेपीसी की पहली बैठक 24 मार्च को हुई थी। समिति की अगली बैठक 18 मई को होनी है।