सड़कों पर भीख मांगने से अच्छा है स्टेज पर डांस : सुप्रीम कोर्ट
मुंबई, 25 अप्रैल (एजेंसी)
मुंबई में डांस बार मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज कड़ी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि सड़कों पर भीख मांगने से अच्छा है कि महिलाएं स्टेज पर डांस कर अपना जीवनयापन करें। कोर्ट ने कहा कि आप ये नहीं कह सकते कि डांस नहीं होगा। रेगुलेशन और प्रतिबंध लगाने में फर्क होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार एक हफ्ते में डांस बार के कर्मियों की पुलिस वेरिफिकेशन कर लाइसेंस जारी करे। एएसजी पिंकी आनंद को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप राज्य सरकार को बता दीजिए कि जब एक बार सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक दायरे को देखते हुए आदेश पास कर दिया तो फिर राज्य सरकार कैसे आदेश का पालन करने से इनकार कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 10 मई को फिर जवाब देने को कहा है।
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है और सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 115 डांस बार ने पुलिस निरीक्षण के लिए आमंत्रण नहीं दिया। 39 डांस बारों के निरीक्षण में पाया गया कि उन्होंने 26 शर्तों का पालन नहीं किया। 4 को लाइसेंस दिए गए लेकिन दोबारा जांच के दौरान पाया गया कि उन्हें गलत लाइसेंस जारी हुए, लाइसेंस वापस हुए और पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई हुई। पिछली सुनवाई में भी कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने डीसीपी लाइसेंसिंग को 25 अप्रैल को कोर्ट में हाज़िर होने को कहा था। इसके साथ ही कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के पालन के लिए राज्य सरकार ने क्या किया इसे बताने के लिए महाराष्ट्र सरकार को हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था।
अश्लीलता किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा महिलाओं के सम्मान को बनाए रखना होगा। अश्लीलता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं। डांस बार का लाइसेंस लेने के लिए बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग की मंजूरी की जरूरत नहीं। कोर्ट ने कहा कि होटल और रेस्टोरेंट पहले ही (होटल का लाइसेंस लेते समय) हेल्थ सर्टिफिकेट लेते हैं ऐसे में दोबारा इसकी जरूरत नहीं। डांस बार का लाइसेंस लेने के लिए फायर विभाग की जरूरत नहीं। कोर्ट ने कहा कि होटल और रेस्टोरेंट पहले ही फायर विभाग से मंजूरी लेते है ऐसे में दुबारा की जरूरत नही।
3 फीट तक ऊंचा बनाया जाए स्टेज
डांस बार का लाइसेंस लेते समय मालिक की आपराधिक पृष्ठभूमि कि जांच जरूरी है। एक हफ्ते के भीतर संबंधित थाना उसकी पृष्ठभूमि कि जांच करे। डांस बार के स्टेज को 3 फीट तक ऊंचाई और बार बालाओं से 5 फ़ीट की दूरी को बनाए रखा जाये। सीसीटीवी हर एंट्री गेट पर लगाने को बार मालिक सहमत हो गए हैं। जिन बार मालिकों ने लाइसेंस के लिए अभी तक आवेदन नहीं किया है वो 2 दिनों में कर सकते हैं।
कोर्ट ने इस पर जताई आपत्ति
सरकार ने कहा कि स्कूल के 1 किलोमीटर के दायरे में डांस बार न हो। तब सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि क्या रिहायशी जगहों पर शराब की दुकान नहीं है। कोर्ट ने इस पर भी आपत्ति जताई कि डांस की रिकॉर्डिंग की शर्त सरकार ने क्यों लगाई। कोर्ट ने इस पर भी आपत्ति जताई कि डांस बार में शराब कैसे न परोसी जाये। ये संभव ही नहीं होगा। बार बिना शराब के कैसे।