भारत-पाक प्रेमकथा के बीच भ्रूण हत्या पर संदेश देती पंजाबी फिल्म
चंडीगढ़, 18 मई (नस)। ‘मोहे रंग दे’ की क्रांति और ‘आपकी अंतरा’ की विद्या आज शहर में थीं। प्रभलीन सिंह संधू नाम की यह शोख अदाकारा फिरोजपुर, पंजाब की रहने वाली है और 25 मई को रिलीज हो रही अपनी पंजाबी फिल्म ‘रहे चढ़दी कला पंजाब दी’ के प्रमोशन हेतु वे आज यहां चंडीगढ़ में मौजूद थीं।
प्रभलीन ने बताया कि ‘रहे चढ़दी कला पंजाब दी’ हिंदुस्तान व पाकिस्तान की पृष्ठभूमि पर आधारित एक प्रेम कहानी है, जिसमें कन्या भू्रण हत्या जैसे ज्वलंत मुद्दे को उठाया गया है। पंजाब में संयुक्त परिवार टूटने के क्रम में लोगों को पुत्र ज्यादा महत्वपूर्ण लगने लगे। परंतु यही बेटे कालांतर में नशा और अपराध से जुडऩे लगे। वे भूलने लगे पत्नी और माता-पिता को। इस व्यवहार से परिवार का सिर शर्म से झुकने लगा। इसी नाते पंजाब के गांवों व शहरों में नन्हीं छां नामक आंदोलन गति पकडऩे लगा है। इस फिल्म में इसी समस्या को एक प्रेम कहानी के माध्यम से उठाया गया है।
प्रभलीन ने फिल्मी सफर के बारे में बताया कि 2005 में मनमोहन सिंह की फिल्म ‘यारां नाल बहारां’ से शुरू हुआ, जिसमें वे डॉली बनी थीं। अगले ही वर्ष चित्रार्थ की फिल्म ‘इक जिन्द इक जान’ में उन्होंने गुड्डी की भूमिका की। इसी वर्ष रावी के रूप में वे ‘मेहंदी वाले हाथ’ नामक पंजाबी फिल्म में नजर आयीं। उन्होंने रामगोपाल वर्मा की हिंदी फिल्म ‘नॉट ए लवस्टोरी’ में अंजू की भूमिका निभायी है और फिलहाल वे हंसल मेहता की हिंदी फिल्म ‘शाहिद’ में मरियम का रोल कर रही हैं।