बंसल व जैन की ई-मेल हैक करने की जांच रुकी
आदित्य शर्मा
चंडीगढ़, 6 फरवरी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद पवन बंसल तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद सत्यपाल जैन की फेस बुक पर यकायक बढ़ी लाइक्स की जांच फिलहाल रुक गई है। अब कैसे पता चलेगा कि इसमें कोई षड्यंत्र था या खुदी ने सर्वर ही हैक तो नहीं कर लिया था। फेसबुक पुलिस के साइबर सैल को इन लाइक्स के बारे में अपना जवाब देने से पहले ही इंकार कर चुकी है। लोक सभा से ठीक पहले सामने आए इन मामलों को लेकर चंडीगढ़ पुलिस इन केसों की जांच आगे बढ़ाने में असमर्थ है। ऐसे में पुलिस विभाग ने गृह मंत्रालय को पत्र लिख कर इसमें दखल देने के लिए कहा है ताकि भारत सरकार स्वयं इन केसों के बारे में विचार कर अमेरिका इंटरनेट अथॉरिटी गूगल या फेसबुक से जांच करा सके।
चंडीगढ़ पुलिस ने फेसबुक का जवाब आने के बाद अब दिल्ली में केंद्र सरकार के कंप्यूटर एमरजेंसी रिसोर्स नोडल एजेंसी को पत्र लिख कर इन केसों की जांच कराने के लिए कहा है। मगर तब तक पुलिस के हाथ खाली रहेंगे। संभव है कि दिल्ली नोडल एजेंसी चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों के साथ जल्द बैठक भी करे। साइबर सैल को करीब 15 दिन पहले फेसबुक का जवाब आया। जवाब में लिखा था रिजेक्ट, यानी पुलिस द्वारा बंसल और जैन की शिकायतों को लेकर मांगी गई सूचना देने से फेसबुक ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि वे निजी तौर पर किसी व्यक्ति विशेष की सूचना सार्वजनिक नहीं कर सकते। क्योंकि इससे मानवीय अधिकारों का हनन होता है। दूसरी तरफ फेसबुक ने चंडीगढ़ के पूर्व केन्द्रीय मंत्री हरमोहन धवन की फेसबुक पर बड़ी लाइक्स की सूचना पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं भेजी है। अगर फेसबुक धवन के बारे में भी लाइक्स को लेकर मनाही करता है तो यह डॉक्यूमेंट भी नोडल एजेंसी को चंडीगढ़ पुलिस भेज देगी।
पुलिस के फेसबुक से ये थे सवाल :चंडीगढ़ पुलिस ने फेसबुक से पूछा था कि पवन बंसल और सत्यपाल जैन के फेसबुक अकाउंट पर लाइक्स बढऩे के पीछे क्या कोई षड्यंत्र है या फिर किसी ने जानबूझ कर फेसबुक का सर्वर ही हैक कर लिया था। पुलिस की इन सवालों का फेसबुक से जवाब आते आते करीब एक महीने का समय बीत गया, इन मामलों में जांच रुकी रही। पुलिस उन लोगों का पता लगाने में असमर्थ रही, जिन्होंने पूर्व केन्द्रीय मंत्री के फेसबुक पर 20 से 25 दिसंबर तक अपनी लाइक्स भेजी थीं। सत्यपाल जैन तथा पवन बंसल ने इन लाइक्स पर आपत्ति जताते हुए आईजी आरपी उपाध्याय को ई-मेल पर शिकायतें भेजी थीं। साइबर सैल के डीएसपी राजेश कालिया पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि फेसबुक का हैदराबाद में एक लीगल सैल है लेकिन पुलिस की ओर से सीधा फेसबुक अमेरिका से ई-मेल के जरिए संपर्क साधा गया। पुलिस ने फेसबुक से पूछा था कि उन्हें बताया जाये कि पवन कुमार बंसल तथा सत्यपाल जैन के फेसबुक अकाउंट पर लाइक्स कैसे बढ़ीं और किन व्यक्तियों ने एक ही रात में इनके फेसबुक अकाउंट पर अपनी लाईक्स भेजनी शुरू कर दीं।