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न्यूक्लियर मेडिसिन इंडिया का स्वर्ण जयंती सम्मेलन सम्पन्न

चंडीगढ़, 25 नवंबर (निस) पीजीआई में सोसाइटी ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन इंडिया के तीन दिवसीय स्वर्ण जयंती सम्मेलन का रविवार को समापन हो गया। यह आयोजन संस्थान के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग द्वारा किया गया। एसएनएमआईसीओएन-2018 शीर्षक इस आयोजन में देश विदेश से काफी संख्या में माहिरों ने प्रतिभागिता की। समापन दिवस पर रेडियोन्यूक्लाइड थेरेपी और न्यूरोइमेजिंग […]
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चंडीगढ़, 25 नवंबर (निस)
पीजीआई में सोसाइटी ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन इंडिया के तीन दिवसीय स्वर्ण जयंती सम्मेलन का रविवार को समापन हो गया। यह आयोजन संस्थान के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग द्वारा किया गया। एसएनएमआईसीओएन-2018 शीर्षक इस आयोजन में देश विदेश से काफी संख्या में माहिरों ने प्रतिभागिता की। समापन दिवस पर रेडियोन्यूक्लाइड थेरेपी और न्यूरोइमेजिंग विषयक चर्चाएं की गईं। जर्मनी के वैज्ञानिक डॉ. रिचर्ड बॉम ने प्रोस्टेट केंसर में परमाणु चिकित्सा आधारित उपचारों पर बार्ता की। प्रोस्टेट केंसर पुरुषों से संबधित व्याधि है। डा.बॉस ने बताया कि एसपीएस एक दर्दरहित रक्त परीक्षण है। इसे संदिग्ध प्रोस्टेट केंसर वाले मरीजीें में प्रारंभिक स्क्रीनिंग परीक्षण के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। केंसर की इस एडवांस स्टेज पर रेडियोन्यूक्लाईड थेरेपी एकमात्र आशाजनक उपचार कहा जा सकता है। पीजीआई का परमाणु चिकित्सा विभाग इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है और 40 लोगों का उपचार किया गया है। न्यूरोइमेजिंग सत्र में मस्तिष्क ट्यूमर की इमेजिंग,अल्मेजाइरन इमेजिंग,मेमरी लॉस इमेजिंग व पार्किसन बीमारी पर पेनल चर्चाएं की गईं।

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