खुशप्रीत के हत्यारे के करीब पहुंची पुलिस
बुडै़ल से जुड़े हैं हत्यारोपी के तार
आदित्य शर्मा/नगर संवाददाता
चंडीगढ़, 21 जनवरी। चंडीगढ़ पुलिस की अपराध शाखा ने शुक्रवार को संकेत दे दिए हैं कि जल्द ही खुशप्रीत का हत्यारा पुलिस की पकड़ में होगा।
पुलिस मामले से जुड़े विशेष सुरागों को परखने में जुट गई है और आरोपी के बारे में पुख्ता और निर्णायक जानकारियां जुटा रही है। पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान की जा रही है और उसे हिरासत में लेने के लिए पुख्ता साक्ष्यों को टटोला जा रहा है। साथ ही खुशप्रीत के अपहरण से लेकर उसकी हत्या किए जाने तक के समय में यह पुख्ता होता जा रहा है कि हत्या की मूवमेंट भी शहर के इर्द-गिर्द ही थी। इसकी जानकारियां जुटाने के लिए लोगों की मदद भी ली जा रही है। सूत्रों ने बताया कि खुशप्रीत अपहृत होने के बाद जो जानकारियां मामले को पुख्ता बना रही थीं और बच्चे की मौत के बाद जो सुराग प्राप्त हो रहे हैं, उन्हें मेल कर एक ठोस कड़ी बनाई जा रही है। इसी दौरान ही आरोपी की मूवमेंट का भी सुराग हाथ लगने की प्रबल संभावना बन गई है। उल्लेखनीय है कि तीन दिन पहले खुशप्रीत अपहरण कांड से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी गई थी, जिसमें चंडीगढ़ पुलिस के पूर्व इंस्पेक्टर उदयपाल सिंह, इंस्पेक्टर नरेन्द्र पटियाल और जांचकर्ता पर लापरवाही की गाज गिरी। लेकिन इस संगीन मामले में डीएसपी विजय कुमार की लापरवाही को कम आंकते हुए उन्हें पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया।
बुड़ैल में कई जगहों पर छानबीन : पुलिस का कहना है कि खुशप्रीत के हत्यारे के तार गांव बुड़ैल से जुड़े हैं। इसके लिए पुलिस कई बिंदुओं पर गांव मेंछानबीन कर रही है। इस बीच हत्यारोपी को पकडऩे के लिए पुलिस स्थानीय व्यक्तियों से कुछ बिंदुओं पर पूछताछ कर यह पुख्ता कर रही है कि कथित आरोपी की मूवमेंट बुड़ैल के अलावा किन-किन और स्थानों में है। पुलिस की विशेष टीम पड़ताल के दौरान जुटाए गई जानकारी को भी पूर्व की जांच से मैच कर रही है, ताकि आरोपी पर आसानी से शिकंजा कसा जा सके।
लापरवाही पर केवल निलंबन : चंडीगढ़ पुलिस विभाग में आज तक ऐसा मामला जांच के दायरे में नहीं आया है जहां पुलिस की स्वयं किसी मामले में संलिप्त आरोपी से सांठ-गांठ हो। अगर खुशप्रीत अपहरण कांड की बात की जाए तो अधिकतर पुलिस विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही सामने आने पर विभाग ही दोषी पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई करता है। अलबत्ता खुशप्रीत हत्याकांड के बाद पुलिस विभाग ने भी वही किया।
दोषी पुलिस कर्मचारियों पर पहली कार्रवाई संबंधित मामले की जांच के बाद तुरंत कर दी गई। बुड़ैल चौकी प्रभारी नरेन्द्र पटियाल और सेक्टर 34 के थाना प्रभारी उदयपाल को तुरंत पुलिस लाईन में स्थानांतरित कर दिया गया, इसके बाद दूसरा चरण मामले की जांच संपन्न होने पर जांचकर्ताओं पर दोष साबित होने पर उन्हें निलंबित कर दिया जाता है। इस स्थिति में पुलिस विभाग भविष्य में जांच के मुताबिक ही अपने निर्णय को सुरक्षित रख लेता है। यही कारण है कि दोषी पुलिस कर्मचारी या अधिकारी पर डयूटी में कोताही बरतने पर पहले स्थानांतरण, आरोप साबित होने पर निलंबन फिर विभागीय जांच में चार्जशीट और उसके बाद डिमोशन या पद से बर्खास्तगी होती है।