Parliament Winter Session LIVE: एसआईआर सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही स्थगित
Parliament winter session live: संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोक सभा में कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। राज्यसभा की कार्यवाही जारी है।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा में विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण प्रश्नकाल की कार्यवाही अवरुद्ध हुई और बैठक शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
बैठक शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को कुछ दिवंगत पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी और सभा ने कुछ पल मौन रखकर दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अध्यक्ष ने महिला विश्वकप क्रिकेट और महिला कबड्डी विश्वकप में भारत की जीत पर हर्ष व्यक्त करते हुए खिलाड़ियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
इसके बाद जैसे ही उन्होंने प्रश्नकाल शुरू करने का निर्देश दिया, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों के सदस्य कुछ मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए अपने स्थानों पर खड़े हो गए। बाद में कुछ सदस्य आसन के समीप आ गए। बिरला ने विपक्षी सदस्यों से रचनात्मक भागीदारी निभाते हुए सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की।
अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आज शीतकालीन सत्र का पहला दिन हैं। सभी सदस्यों से अपेक्षा है कि वे रचनात्मक भागीदारी निभाएं। लोकतंत्र में सहमति, असहमति होती रही है, वैचारिक मतभेद भी होते हैं। लेकिन चर्चा, संवाद से ही समाधान निकलता है। पिछले सत्र में भी मैंने आपसे आग्रह किया था कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और हमें अच्छी परिपाटियां और परंपराएं स्थापित करनी चाहिए।''
उन्होंने कहा, ‘‘यह सदन नारेबाजी और तख्तियां दिखाने के लिए नहीं है। इसके लिए बाहर अवसर मिलते हैं। हमें जनता की कठिनाई, चुनौतियों और मुद्दों पर चिंता करनी चाहिए।''
अध्यक्ष ने कहा कि वह सभी सदस्यों को उनकी बात रखने के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध कराएंगे, लेकिन ‘‘नियोजित तरीके से सदन को बाधित करना लोकतंत्र के लिए अच्छी परंपरा नहीं है।'' उन्होंने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह करते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण समय होता है और इसे स्थगित करने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।
विपक्ष के हंगामे के बीच ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य अनुराग शर्मा ने केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से संबंधित पूरक प्रश्न पूछे, जिनके केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने उत्तर दिए। हालांकि, शोर-शराबा नहीं थमने पर लोकसभा अध्यक्ष ने बैठक 12 बजे तक स्थगित कर दी। इसके बाद कार्यवाही 12 बजे शुरू हुई, लेकिन हंगामे के कारण फिर दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। संसद के शीतकालीन सत्र का आज पहला दिन है।
उपराष्ट्रपति के पद तक राधाकृष्णन का पहुंचना लोकतंत्र की असली ताकत दर्शाता है: प्रधानमंत्री मोदी
December 1, 2025 12:30 pm
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि साधारण पृष्ठभूमि से उठकर सी. पी. राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की वास्तविक शक्ति को प्रदर्शित करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनका अनुभव और मार्गदर्शन उच्च सदन की कार्यवाही के सुचारू संचालन में सहायक होगा। सितंबर में चंद्रपुरम पोनुसामी (सी. पी.) राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए थे। अपने निर्वाचन के साथ ही राधाकृष्णन राज्यसभा के पदेन सभापति बन गए। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत पर प्रधानमंत्री ने उन्हें बधाई दी और उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में सदन सार्थक चर्चाएं करेगा और महत्वपूर्ण निर्णय लेगा। राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं आपको बधाई देता हूं और भरोसा है कि इस सदन का हर सदस्य इसकी परंपराओं का सम्मान करेगा और आपकी गरिमा को बनाए रखेगा।” पूर्व उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र की शुरुआत में 21 जुलाई, 2025 को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुआ और राधाकृष्णन इस पद पर निर्वाचित हुए। उप राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। उच्च सदन के सभापति के तौर पर शीतकालीन सत्र राधाकृष्णन का पहला सत्र है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राधाकृष्णन किसान परिवार से आते हैं और उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा को समर्पित किया है। उन्होंने कहा “राजनीति उनकी यात्रा का सिर्फ एक हिस्सा रही है — समाज सेवा युवावस्था से अब तक उनका मुख्य मिशन रहा है। साधारण जीवन से उनका इस उच्च पद तक पहुंचना हमारे लोकतंत्र की ताकत का प्रमाण है।” मोदी ने कहा कि राधाकृष्णन हमेशा प्रोटोकॉल से ऊपर उठकर काम करते रहे हैं और उनका व्यक्तित्व सेवा, समर्पण और धैर्य का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने सहयोगी के तौर पर साथ काम किया, कार्यकर्ता के तौर पर आपको मैंने काम करते देखा और विभिन्न पदों की जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए इस पद पर पहुंचते देखा है। मैंने यह महसूस किया है कि आपका प्रोटोकॉल से कोई नाता नहीं रहा। सार्वजनिक जीवन में प्रोटोकॉल से मुक्त होना एक बड़ी ताकत होती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आपके व्यक्तित्व में सेवा, समर्पण, संयम... इन सभी बातों से हम परिचित हैं। आप एक मध्यम परिवार से आते हैं। आपने अपनी सेवा का क्षेत्र बेहद व्यापक रखा है जिसमें वंचित परिवार हमेशा से आपकी प्राथमिकता रहे हैं।'' प्रधानमंत्री ने दो घटनाओं का उल्लेख किया। एक तो बचपन में राधाकृष्णन डूबने से बाल–बाल बचे थे और दूसरी घटना में लालकृष्ण आडवाणी की यात्रा के दौरान बम विस्फोट से वह बचे थे। प्रधानमंत्री के अनुसार, इन दोनों अनुभवों ने राधाकृष्णन की समाज सेवा और राष्ट्र सेवा के लिए प्रतिबद्धता को और गहरा किया। मोदी ने यह भी बताया कि वाराणसी यात्रा के दौरान राधाकृष्णन ने मांसाहार छोड़ने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा कि मांसाहार गलत है, लेकिन वाराणसी से सांसद होने के नाते मैं इस भाव को सराहता हूं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्र जीवन से ही राधाकृष्णन ने मजबूत नेतृत्व क्षमता दिखाई और आसान रास्ते की बजाय संघर्ष का मार्ग चुना। मोदी के अनुसार, आपातकाल के दौरान राधाकृष्णन ने लोकतंत्र के सच्चे सिपाही की तरह लड़ाई लड़ी और जनचेतना फैलाने का काम किया, वहीं दूसरी ओर एक कुशल संगठक के रूप में उन्होंने हर जिम्मेदारी में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और लोगों को जोड़ने का काम किया। मोदी ने कहा, “आज हम सभी के लिए गर्व का अवसर है। उनकी यात्रा पूरे देश के लिए प्रेरणा है। मैं उन्हें पुनः बधाई देता हूं।” इससे पहले, सत्र की शुरूआत से पूर्व संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए भी प्रधानमंत्री ने उप राष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन को राज्यसभा के सभापति के तौर पर पहले सत्र की अध्यक्षता करने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं।
जनता के मुद्दों को उठाना नाटक नहीं: प्रियंका गांधी
December 1, 2025 12:28 pm
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद में लोक महत्व के मुद्दों को उठाना ‘नाटक' नहीं है, बल्कि इन पर चर्चा की अनुमति नहीं दिया जाना ‘नाटक' है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और वायु प्रदूषण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह संसद को चुनावी हार के बाद “हताशा निकालने का मंच” बना रहा है। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र राजनीतिक रंगमंच न बने, बल्कि रचनात्मक और परिणामोन्मुखी बहस का माध्यम बने। केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘संसद में आवश्यक लोक महत्व के मुद्दों के बारे में बोलना और उन्हें उठाना नाटक नहीं है। नाटक यह है कि उन मुद्दों पर लोकतांत्रिक चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती, जो जनता के लिए मायने रखते हैं।'' उन्होंने सवाल किया, ‘‘संसद किस लिए है? हम महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं?''
प्रधानमंत्री ने फिर से ‘ड्रामेबाजी' की है: खड़गे
December 1, 2025 12:27 pm
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री ने संसद के समक्ष मुख्य मुद्दों की बात करने के बजाय फ़िर से ‘ड्रामेबाजी' की है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अब ध्यान भटकाने का नाटक ख़त्म कर जनता के असली मुद्दों पर संसद में चर्चा करनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह संसद को चुनावी हार के बाद “हताशा निकालने का मंच” बना रहा है। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र राजनीतिक रंगमंच न बने, बल्कि रचनात्मक और परिणामोन्मुखी बहस का माध्यम बने। प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए खड़गे ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के समक्ष मुख्य मुद्दों की बात करने के बजाय फिर से ‘ड्रामेबाजी की डिलीवरी' की है। असलियत यह है कि संसदीय मर्यादा और संसदीय प्रणाली को पिछले 11 साल से सरकार ने लगातार कुचला है, उसकी लंबी फेहरिस्त है।'' उन्होंने कहा, ‘‘पिछले मानसून सत्र में ही कम से कम 12 विधेयक जल्दबाजी में पारित कर दिए गए, कुछ 15 मिनट से भी कम समय में और कुछ बिना किसी चर्चा के। पूरे देश ने पहले भी देखा है किस तरह किसान विरोधी काले क़ानून, जीएसटी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जैसे विधेयक संसद में आनन-फानन में पारित कराए गए।''उनका कहना था कि इसी संसद में जब मणिपुर का मुद्दा उठा, तो प्रधानमंत्री तब तक चुप रहे, जब तक विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया।खड़गे ने कहा, ‘‘एसआईआर की प्रक्रिया में काम के बोझ के कारण बीएलओ लगातार जान गंवा रहे हैं। विपक्ष, 'वोट चोरी' सहित अन्य मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहता है और संसद में हम इसे लगातार उठाएंगे।'' उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को अब ध्यान भटकाने का नाटक ख़त्म करना चाहिए और जनता के असली मुद्दों पर संसद में चर्चा करनी चाहिए।कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सच्चाई यही है कि आम आदमी बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता और देश के बहुमूल्य संसाधनों की लूट से जूझ रहा है और सत्ता में बैठे लोग, सत्ता के अहंकार में ड्रामेबाज़ी का खेल, खेल रहे हैं।''
लोकसभा ने धर्मेंद्र और विजय कुमार मल्होत्रा समेत दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी
December 1, 2025 11:55 am
लोकसभा ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन धर्मेंद्र और विजय कुमार मल्होत्रा समेत अपने दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। सदन की बैठक शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को पिछले कुछ महीने में पांच पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी। इनमें राजस्थान के बीकानेर से 14वीं लोकसभा के सदस्य रहे अभिनेता धर्मेंद्र, चार बार लोकसभा सदस्य रहे कर्नल (सेवानिवृत्त) सोनाराम चौधरी, दक्षिण दिल्ली से चार बार लोकसभा सदस्य रहे प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा, गोवा की पणजी सीट से 12वीं लोकसभा के सदस्य रहे रवि नाइक और कानपुर से तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे श्रीप्रकाश जायसवाल शामिल हैं। धर्मेंद्र का गत 24 नवंबर को 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। मल्होत्रा का निधन गत 30 सितंबर को 93 वर्ष की आयु में हुआ। गोवा के मुख्यमंत्री रह चुके नाइक ने गत 15 अक्टूबर को 79 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। कानपुर से लोकसभा सदस्य रहे जायसवाल का गत 28 नवंबर को 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सदन ने कुछ पल का मौन रखकर अपने दिवंगत पूर्व साथियों को श्रद्धांजलि दी।
विपक्ष संसद का इस्तेमाल अपनी हताशा निकालने के लिए कर रहा : प्रधानमंत्री मोदी
December 1, 2025 11:34 am
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह संसद को चुनावी हार के बाद “हताशा निकालने का मंच” बना रहा है। मोदी ने यह भी कहा कि यदि विपक्ष चाहे तो वह राजनीति में सकारात्मकता लाने के कुछ सुझाव देने को तैयार हैं। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र राजनीतिक रंगमंच न बने, बल्कि रचनात्मक और परिणामोन्मुखी बहस का माध्यम बने। उन्होंने कहा, “कुछ समय से हमारी संसद या तो चुनावों के लिए कथित तैयारी की जगह या फिर हार के बाद हताशा निकालने का माध्यम बन गई है।” बिहार विधानसभा चुनावों में विपक्ष की करारी हार का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद सत्र हार से उपजी निराशा का युद्धक्षेत्र या विजय के बाद अहंकार का मंच नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में रिकॉर्ड मतदान लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है और विपक्ष को भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए चुनावी हार के बाद के अवसाद से बाहर आना चाहिए। प्रधानमंत्री ने उप राष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन को भी राज्यसभा के सभापति के तौर पर पहले सत्र की अध्यक्षता करने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। पूर्व उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र की शुरुआत में 21 जुलाई, 2025 को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुआ और राधाकृष्णन इस पद पर निर्वाचित हुए। उप राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। उच्च सदन के सभापति के तौर पर शीतकालीन सत्र राधाकृष्णन का पहला सत्र है। संसद का शीतकालीन सत्र आज सोमवार से शुरू हुआ है और इसमें 15 बैठकें निर्धारित हैं।
संसद सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री का बयान सिर्फ पाखंड है: कांग्रेस
December 1, 2025 11:34 am
कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद सत्र की शुरुआत से पहले बयान देना सिर्फ पाखंड है क्योंकि वह खुद सदन में मौजूद नहीं होते और विपक्ष से संवाद नहीं करते। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि संसद में किसी गतिरोध के लिए खुद प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह संसद को चुनावी हार के बाद “हताशा निकालने का मंच” बना रहा है। मोदी ने यह भी कहा कि यदि विपक्ष चाहे तो वह राजनीति में सकारात्मकता लाने के कुछ सुझाव देने को तैयार हैं। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र राजनीतिक रंगमंच न बने, बल्कि रचनात्मक और परिणामोन्मुखी बहस का माध्यम बने। इस पर पलटवार करते हुए रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री कभी संसद में उपस्थित नहीं होते और इसे महत्व नहीं देते हैं। वह कभी विपक्ष से संवाद नहीं करते। फिर भी प्रत्येक सत्र से पहले वह संसद भवन के बाहर खड़े होकर लोकसभा और राज्यसभा के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए विपक्ष से रचनात्मक सहयोग के लिए राष्ट्र के सामने भाषण देते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘यदि संसद सुचारु रूप से नहीं चलती है तो दोष पूरी तरह से प्रधानमंत्री का है क्योंकि उन्होंने विपक्ष को अत्यावश्यक लोक महत्व के मुद्दों को उठाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। वह विपक्ष को कम से कम अपनी बात कहने का मौका दिए बिना हमेशा अपने रास्ते पर चलना चाहते हैं।'' रमेश ने आरोप लगाया कि संसद शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री का बयान पाखंड के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सबसे बड़े ‘ड्रामेबाज' ही ‘ड्रामे' की बातें कर रहे हैं।
विपक्षी दलों ने संसद के शीतकालीन सत्र के लिए रणनीति पर चर्चा की
December 1, 2025 11:33 am
विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन के घटक दलों के नेताओं ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के लिए अपनी रणनीति पर चर्चा की। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक नेता टी आर बालू और कई अन्य नेता शामिल हुए। विपक्षी दलों ने रविवार को सर्वदलीय बैठक और दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठकों में यह मांग उठाई थी कि इस सत्र के दौरान मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) समेत व्यापक चुनाव सुधारों पर चर्चा होनी चाहिए। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है और यह 19 दिसंबर को समाप्त होगा।
