सोनीपत, 30 मई (हप्र)
गांव भदाना में वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धा पेंशन के रूप में 2000 का नोट देने का मामला सामने आया है। इससे वरिष्ठ नागरिकों में रोष है। उनका आरोप है कि डाकखाना कर्मी करीब 5 दिन से ग्रामीणों को पेंशन के बदले 2000 का नोट दे रहे हैं। मना करने पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 19 मई को 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का निर्णय लेने के बाद उपभोक्ताओं को बैंक में नोट जमा करवाने की हिदायत दी है। साथ ही बैंकों को हिदायत दी थी कि किसी को भी 2000 के नोट न दिया जाए। नोट बैंक में जमा करवाने व बदलवाने के लिए 30 सितंबर तक का समय निर्धारित किया गया है। जिस पर 23 मई से बैंकों में काम शुरू हो चुका है। ऐसे में समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आने वाले डाकखानों में वरिष्ठ नागरिकों को 2000 का नोट थमाने का आरोप है। भदाना के राज सिंह व महिलाओं ने रोष जताते हुए कहा कि एक तरफ तो सरकार ने 2000 रुपये का नोट का चलन बंद कर दिया, उधर डाकखाना कर्मी उन्हें 2000 रुपये का नोट देकर परेशानी में डाल रहे हैं। वह जब मंगलवार को डाकखाना में पेंशन निकलवाने के लिए पहुंचे तो कर्मियों ने उन्हें पेंशन के रूप में 2000 रुपये के नोट पकड़ा दिए।
ऐसा आज ही नहीं, बल्कि करीब पांच दिन से चल रहा है। उनके मना करने पर भी कर्मचारी कुछ सुनने को तैयार नहीं हैं।
रोष के बाद बदले पेंशनधारकों के नोट
गांव भदाना के डाकखाना में कर्मचारियों की ओर से पेंशनधारकों को 2000 के नोट देने व ग्रामीणों के रोष जताने का मामला कुछ देर बाद ही डाक विभाग के अधीक्षक के संज्ञान में पहुंच गया। इसके बाद उन्होंने डाकखाना कर्मियों को पेंशनधारकों के 2000 के नोट बदलने के निर्देश दिए। इसके बाद पेंशनधारकों को 2000 के नोट के बजाय 500-500 रुपये के नोट दिए गए।
”जिले के सभी डाकखाना कर्मचारियों को उपभोक्ता को 2000 के नोट नहीं देने की हिदायत दी गई है। अगर कर्मचारी नियमों का पालन नहीं करेंगे तो कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।”
-सुरेश कुमार भारद्वाज, अधीक्षक, डाक विभाग, सोनीपत