गुरुग्राम, 1 जून (हप्र)
दिल्ली सरकार द्वारा हरियाणा पर यमुना में प्रदूषित पानी डालने का आरोप लगाए जाने के बाद बृहस्पतिवार को गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीसी मीणा ने टीम के साथ बहरामपुर तथा धनवापुर स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों का दौरा किया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शोधित पानी ही दिल्ली ड्रेन में डिस्चार्ज करना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों से एसटीपी संचालन प्रक्रिया की जानकारी ली। गौरतलब है कि बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली के साथ-साथ गुरुग्राम के यमुना में आने वाले पानी के नालों की जांच की थी। मीणा ने अधिकारियों से कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों में हरियाली और बढ़ाई जाए। उन्होंने एसटीपी से शोधित पानी के डिस्चार्ज प्वाइंट पर फ्लो मीटर लगाने तथा वहीं पर गुणवत्ता जांच मीटर लगाने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि जीएमडीए सिल्ट मुक्त गुरुग्राम बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। इसके साथ ही शहर में प्रमुख सीवर लाइनों के जीवनकाल को बढ़ाने के लिए क्योर्ड-इन-प्लेस-पाइप (सीआईपीपी) तकनीक के साथ मजबूत किया जा रहा है। मजबूत सीवरेज नेटवर्क के लिए जीएमडीए सेक्टर-68 से 76 में मास्टर सीवर लाइन पर काम कर रहा है। इसके दिसंबर 2023 तक यह पूरा करने का लक्ष्य है।