असीम चक्रवर्ती
हाल ही में खामोशी के साथ बैडमिंटन खिलाड़ी मैथिस बोय के साथ विवाह कर अभिनेत्री तापसी पन्नू ने सभी को चौंका दिया है। 2010 में तेलुगु,तमिल,मलयालम फिल्मों के रास्ते चलकर तापसी ने हिंदी फिल्मों में पहला कदम रखा था। इसके बाद 14 साल के फिल्म कैरियर में 50 से ज्यादा फिल्मों में काम करके वह बॉलीवुड की एक चर्चित नाम जरूर बन गयीं, पर एक नेचुरल स्टारडम हमेशा उनसे दूर रहा। उनके कैरियर के हिसाब-किताब एक नजर-
शादी के बाद का संकेत
तापसी ने अपने कई साल पुराने फ्रेंड बोय से विवाह कर फिल्मों से अपनी विदाई का साफ संकेत दे दिया है। वैसे उनकी भाव-भंगिमा से साफ लग रहा था कि फिल्में वह बहुत कर चुकीं। अब अपनी निजी जिंदगी को वह काफी समय देना चाहती हैं। तापसी जब तक बॉलीवुड में रही,अपने अफेयर की बातों को कभी सामने नहीं आने दिया। एक बातचीत में जरूर कबूल किया था कि जब वह शूटिंग के लिए हैदराबाद गई थी, तब एक एक्टर के साथ उनका अफेयर हुआ था लेकिन यह लॉन्ग डिस्टेंस रिश्ता आगे नहीं बढ़ा। एक बार उन्होंने हंसते हुए इस लेखक से कहा था कि ‘मैं किसी सेलिब्रिटी के साथ शादी नहीं करूंगी। इस रिश्ते में सिर्फ एक स्टार हो सकता है और वह मैं रहूंगी। ऐसा नहीं होने पर इगो क्लैश होता है।’
स्टार न बन पाने का दुख
निस्संदेह तापसी बहुत अच्छी एक्ट्रेस हैं। मगर लगातार कोशिश करने के बावजूद बड़े स्टार का तमगा उन पर कभी नहीं लग पाया। ऐसा नहीं है कि उन्हें कमर्शियल फिल्मों का सहारा नहीं मिला है। उन्होंने अपना हिंदी फिल्मों का कैरियर ही डेविड धवन की ‘चश्मे-बद्दूर’ से शुरू किया था। उसके बाद बेबी,नाम शबाना,जुड़वां,मिशन मंगल,जैसी कई मसाला फिल्मों का साथ भी उन्हें मिला। मगर हासिल कुछ खास नहीं कर पाई। इसका लाभ अनुराग कश्यप और नेट फ्लिक्स जैसे बैनरों ने उठाया। जाहिर है स्टार्स को इस बात का दुख रहता है कि वह बड़े दर्शकों के जेहन में चाह कर भी समा नहीं पाया।
‘डंकी’ का अंतिम झटका
बहुत कम लोगों को पता होगा कि कैरियर के ऐसे नैराश्य दौर में ही तापसी ने बहुत सेटिंग कर शाहरुख-हिरानी की फिल्म डंकी में एंट्री ली थी। सारा गणित एकदम सेट था,राजकुमार हिरानी जैसा काबिल निर्देशक और शाहरुख जैसा धाकड़ स्टार,लेकिन एक झटके में सारा मैथमेटिक्स फेल हो गया। स्थिति को समझ 36 की हो चुकी तापसी ने शादी को और ज्यादा पेंडिंग रखना ठीक नहीं समझा। उनकी बातचीत से साफ लगता है कि वह फिल्में करती रहेंगी,पर अपने अंदाज में। वैसे उनकी तीन फिल्में ‘वह लड़की है कहां…’, ‘फिर आई हसीन दिलरुबा’, ‘खेल-खेल में’ रिलीज की पाइप लाइन में हैं।
तापसी ने क्या तय किया
तापसी इस सवाल का जवाब अब भी साफ तौर पर नहीं देना चाहती हैं। दरअसल वह अच्छी स्टूडेंट थी। लेकिन शिक्षा की लाइन में न जाकर एक अलग रास्ता खोज लिया था। एमबीए की पढ़ाई भी अधूरी छोड़ दी थी। वह कहती हैं कि बचपन से ही वह अलग-अलग तरह के काम एक साथ करती आ रही हैं। दूसरा पक्ष यह कि वह एक काम पर ज्यादा फोकस नहीं रख पाती हैं। रौ में तब यह भी कहा था कि शायद एक दिन अभिनय में उनकी दिलचस्पी घट जाएं और किसी दूसरे प्रोफेशन में चली जाएं। वैसे तय है कि वह अब जो भी करेंगी,फिल्म लाइन के इर्द-गिर्द रहकर ही करेंगी।
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लंबे कैरियर में उन्हें न के बराबर अवार्ड मिले। कई बार एक्टिंग कैटगिरी में नॉमिनेशन तक नहीं मिला। जबकि कई दोयम नायिकाओं को अवार्ड मिला। वह सिर्फ इतना कहती हैं,‘तब से किसी भी अवार्ड से मेरा विश्वास उठ चुका है। लेकिन इस बात का संतोष है कि बतौर एक्ट्रेस दर्शकों का काफी प्यार मुझे मिला है।’