राजपुरा, 23 अप्रैल (निस)
हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर शंभू रेलवे स्टेशन के पास किसानों की ओर से अपने साथियों की रिहाई की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन आज सातवें दिन भी जारी रहा। इसके चलते 75 मेल व पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करना पड़ा या उनका रूट बदल दिया गया है, जबकि कई मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट करना पड़ा है। कुछ ट्रेनों के अंबाला से वाया चंडीगढ़ रूट बदले गए हैं। पंजाब का मुख्य द्वार राजपुरा देश के सभी रेलवे स्टेशनों से कटकर रह गया है। ट्रेनों का आवागमन न होने से रेलवे स्टेशन वीरान पड़ा है जिसके चलते कैंटीन, होटल, चाय वाले और ढाबा चलाने वाले लोग भी परेशान हैं। किसान आंदोलन का खमियाज़ा आम जनता ख़ासकर ट्रेनों से सफर करने वाले मुसाफिरों को भुगतना पड़ रहा है। जहां रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ रहती थी वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। लोगों को बसों व टैक्सियों में धक्के खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। ख़ासतौर पर लंबी दूरी के यात्री छोटे बच्चों समेत स्टेशन पर आने के बाद ट्रेनों के शुरू होने का इंतज़ार करने को मजबूर हें। अंबाला से आटो में आये नवीन कुमार ने बताया कि वह अपने परिवार सहित अंबाला से राजपुरा आटो में बैठकर आया। उसे जरूरी काम से अमृतसर जाना है लेकिन राजपुरा रेलवे स्टेशन से कोई भी ट्रेन न मिलने से उसे टैक्सी से पहले लुधियाना, फिर अमृतसर जाना पड़ेगा।
महिलाएं संभाल रही मोर्चा
शंभू बॉर्डर पर पिछले छह दिन से रेलवे ट्रैक को किसानों द्वारा पक्का टेंट लगाकर बंद कर दिया गया है जिसके चलते ट्रेनों की आवाजाही बंद पड़ी है। यहां इन दिनों महिलाएं मोर्चा संभाल रही हैं क्योंकि गेहूं की कटाई के चलते ज्यादातर पुरुष किसान खेतों में काम पर चले गए हैं।