शिमला, 17 अप्रैल (हप्र)
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के गगरेट विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक राकेश कालिया की डेढ़ वर्ष बाद फिर कांग्रेस में वापसी हो गई है। नयी दिल्ली में बुधवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने उन्हें कांग्रेस पार्टी का पटका पहनाकर पार्टी में उनका स्वागत किया। राकेश कालिया मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी हैं और उनके साथ कांग्रेस संगठन में काम कर चुके हैं। ऐसे में अब गगरेट विधानसभा उपचुनाव में राकेश कालिया को कांग्रेस का प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चाएं हैं।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट कटने पर पूर्व विधायक राकेश कालिया ने भाजपा का दामन थाम लिया था। उस दौरान कांग्रेस ने युवा चैतन्य शर्मा को टिकट दिया था। चैतन्य शर्मा गगरेट से चुनाव जीत गए थे, लेकिन हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद पैदा हुए राजनीतिक हालात के बाद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा चैतन्य शर्मा को विधायकी से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद गगरेट हलका भी उन छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, जहां उपचुनाव होना है। अब यहां एक जून को उपचुनाव होना है।
कांग्रेस के बागी चैतन्य शर्मा के भाजपा ज्वाइन करने के बाद वह गगरेट से भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए हैं। चैतन्य ने जिस दिन भाजपा ज्वाइन की, राकेश कालिया ने उसी दिन बगावती तेवर दिखा दिए और भाजपा को अलविदा कह दिया था। इसके बाद उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें थी और आज कालिया ने विधिवत तौर पर कांग्रेस ज्वाइन कर ली।
अब चर्चा है कि गगरेट से कांग्रेस राकेश कालिया को पार्टी टिकट दे सकती है। हालांकि यहां पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप कुमार का नाम भी चर्चा में है। अब पार्टी हाईकमान के निर्देशों पर गगरेट में फिर से सर्वे कराया जा रहा है। इसके आधार पर आगामी दिनों में टिकट का आवंटन होना है।
राकेश कालिया दो बार चिंतपूर्णी और एक बार गगरेट विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। चिंतपूर्णी हलके के अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद राकेश कालिया गगरेट शिफ्ट हुए थे और वहां से चुनाव जीते थे तथा वह पूर्व वीरभद्र सरकार में मुख्य संसदीय सचिव भी रहे। यही नहीं, राकेश कालिया अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सह प्रभारी का दायित्व भी निभा चुके हैं।