शिमला, 27 मार्च (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश सचिवालय और इससे संबद्धता रखने वाली पेंशनर्ज कल्याण एसोसिएशन के सदस्यों को छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ 6 फ़ीसदी ब्याज सहित देने के आदेश दिए। कोर्ट ने सरकार को 6 सप्ताह के भीतर बढ़ी हुई पेंशन की बकाया राशि 6 फीसदी ब्याज सहित देने को कहा है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने प्रार्थी एसोसिएशन की याचिका को स्वीकारते हुए यह आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि सरकार वित्तीय संकट के नाम पर पेंशनरों के वित्तीय लाभ न तो रोक सकती है और न ही देने से इंकार कर सकती है। सरकार संसाधनों की कमी के नाम पर पेंशनरों के लाभ अनिश्चित काल तक प्रतिबंधित भी नहीं कर सकती। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि एक बार किसी सेवारत अथवा सेवानिवृत कर्मचारी के पक्ष में वित्तीय लाभ कानूनी रूप से उत्पन्न हो जाएं तो उन्हें अनिश्चितकाल के लिए न तो रोका जा सकता है और न ही उनमें कोई संशोधन कर कम किया जा सकता है। एसोसिएशन का कहना था कि प्रदेश सरकार ने 3 जनवरी 2022 को संशोधित वेतनमान संबंधी नियम बनाए। इन नियमों के तहत सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को अपनाया और कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से यह लाभ देने की घोषणा की। एसोसिएशन का कहना था कि वे भी संशोधित वेतन मान की बकाया राशि पाने के हकदार हैं क्योंकि वे 1 जनवरी 2016 के पहले व बाद में सेवानिवृत हुए थे।