दिनेश भारद्वाज/सुभाष चौहान
चंडीगढ़/अम्बाला, 26 मार्च
हरियाणा के पूर्व सीएम और करनाल से भाजपा उम्मीदवार मनोहर लाल खट्टर धुलेंडी के मौके पर अचानक अम्बाला कैंट स्थित पूर्व गृह मंत्री अनिल विज के आवास पर पहुंचे। करनाल से चंडीगढ़ जाते हुए मनोहर लाल ने विज से उनके घर पर मुलाकात की। हरियाणा सरकार में हुए नेतृत्व परिवर्तन से नाराज़ चल रहे विज को मनाने की कोशिश से ही मनोहर लाल के इस दौरे को जोड़कर देखा जा रहा है। दोनों ने एक-दूसरे को गुलाल भी लगाया और गले मिलकर शिकवों को दूर करने का संकेत दिया।
विज अब नायब सिंह सैनी कैबिनेट में शामिल भी नहीं हैं। इससे पहले सीएम नायब सैनी भी विज के अम्बाला कैंट आवास पर आकर उनसे मुलाकात कर चुके हैं। माना जा रहा है कि होली के रंगों के जरिये गिले-शिकवे मिटाने की कोशिश हुई है। विज स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि उन्हें सबसे अधिक मलाल इस बात का है कि इतना बड़ा फैसला लिया गया और उनको बताया तक नहीं गया। मनोहर लाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे और नये मुख्यमंत्री के चयन को लेकर विज के पास किसी तरह की सूचना नहीं थी।
हालांकि विज की पहले भी कई बाद सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) और पूर्व सीएम के साथ टकराव हो चुका है। दोनों के बीच सुलह भी जल्द हो जाया करती थी। नेतृत्व परिवर्तन का फैसला ऐसा था, जिसके बारे में दूर-दूर तक किसी को भनक नहीं लगी। 12 मार्च को प्रदेश की राजनीतिक चंदे ही घंटों में पूरी तरह से बदल गई। सुबह मनोहर लाल ने इस्तीफा भी दे दिया और इसी दिन शाम को नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के नये मुख्यमंत्री की शपथ भी ग्रहण कर ली।
माना जा रहा है कि नाराज़गी के चलते ही अनिल विज कैबिनेट में शामिल नहीं हुए। 12 मार्च को नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ही पांच कैबिनेट मंत्रियों ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। मंत्रियों की इस लिस्ट में सबसे ऊपर अनिल विज का नाम थी, लेकिन वे श्ापथ ग्रहण करने के लिए राजभवन पहुंचे ही नहीं। हालांकि इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार में भी उन्हें शामिल किए जाने की चर्चा थी लेकिन विस्तार में विज को छोड़कर आठ मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की।
जिंदल ने की सैनी और मनोहर से मुलाकात
कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन करते ही पार्टी ने पूर्व सांसद नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र से लोकसभा उम्मीदवार घोषित कर दिया। सोमवार को जिंदल ने चंडीगढ़ पहुंच सीएम नायब सिंह सैनी से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने पूर्व सीएम मनोहर लाल से भी शिष्टाचार भेंट की। जिंदल 2005 और 2009 में कुरुक्षेत्र से सांसद रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में वे भाजपा के राजकुमार सैनी के सामने चुनाव हार गए। 2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने लड़ने से ही इंकार कर दिया। अब वे भाजपा की टिकट पर सियासी मैदान में होंगे।