नयी दिल्ली, 5 फरवरी (एजेंसी)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के निधन पर रविवार को शोक जताते हुए कहा कि ‘कभी भारत के कट्टर दुश्मन रहे मुशर्रफ 2002 से 2007 के बीच शांति के लिए वास्तविक ताकत बन गए थे।’ थरूर द्वारा मुशर्रफ के निधन पर शोक व्यक्त करने पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कांग्रेस पर ‘पाकिस्तान परस्त’ होने का आरोप लगाया। थरूर ने ट्वीट किया, ‘पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का एक दुर्लभ बीमारी के कारण निधन हो गया : कभी भारत के कट्टर शत्रु रहे मुशर्रफ 2002-2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने संयुक्त राष्ट्र में उन दिनों उनसे हर साल मुलाकात की थी और उन्हें चतुर तथा अपने कूटनीतिक विचारों में स्पष्ट पाया था। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।’
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने थरूर के ट्वीट को टैग करते हुए कहा, ‘परवेज मुशर्रफ कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता, तानाशाह, जघन्य अपराधों के आरोपी थे। उन्होंने तालिबान और ओसामा को ‘भाई’ और ‘नायक’ माना था और जिन्होंने अपने ही सैनिकों के शवों को वापस लेने से इनकार कर दिया था, कांग्रेस द्वारा उनकी प्रशंसा की जा रही है! आश्चर्य हो रहा है? कांग्रेस की पाकिस्तान परस्ती फिर सामने आई है।’ उन्होंने कहा, ‘एक समय मुशर्रफ ने राहुल गांधी को एक सज्जन व्यक्ति बताते हुए उनकी प्रशंसा की थी, शायद इसी कारण कांग्रेस को मुशर्रफ प्रिय है।’ पूनावाला ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 से लेकर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और बालाकोट पर संदेह जताने वाली कांग्रेस ने मुशर्रफ की तारीफ की, लेकिन हमारे अपने प्रमुख को ‘सड़क का गुंडा’ कहा..यही कांग्रेस है।’
बिलावल ने लिखा, ‘जिंदा रहेंगी बेनजीर’
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के निधन की खबर की पुष्टि होने के बाद विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने रविवार को अपने ट्विटर एकाउंट की प्रोफाइल तस्वीर बदलकर वहां अपनी मां बेनजीर भुट्टो और दिवंगत नवाब अकबर बुगती की तस्वीर लगा दी। इन दोनों की हत्या में पूर्व सैन्य शासक जनरल मुशर्रफ का नाम उछला था। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल ने अपनी मां की चार तस्वीरें भी साझा कीं और कैप्शन में लिखा, ‘तू जिंदा रहेगी बेनजीर।’ एक समय बेनजीर भुट्टो पीपीपी का नेतृत्व करती थीं। मुशर्रफ के निधन पर विदेश मंत्री का कोई औपचारिक शोक संदेश नहीं आया है। उनकी बहन आसिफा भुट्टो जरदारी ने भी अपनी मां की वही तस्वीरें उसी कैप्शन के साथ पोस्ट कीं। एक तस्वीर में बेनजीर के लिए न्याय की मांग करती छोटी सी कविता भी है। दिसंबर 2007 में रावलपिंडी में एक चुनावी रैली के दौरान ग्रेनेड हमले में बेनजीर की मौत हो गई थी। उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति मुशर्रफ ने अधिक सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था।