वाशिंगटन, 31 जुलाई (एजेंसी)
ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी समेत रोजगार आधारित अन्य वीजा कार्यक्रमों में दुरुपयोग और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) के एक शीर्ष अधिकारी ने सांसदों को बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
एच-1बी भारत के प्रौद्योगिकी पेशेवरों के बीच बेहद लोकप्रिय कार्य वीजा है। यूएससीआईएस के नीति उपनिदेशक जोसेफ एडलो ने संसद की सुनवाई के दौरान कहा कि यूएससीआईएस ने अमेरिकी कर्मचारियों एवं कारोबारों के आर्थिक हितों को संरक्षित रखने तथा रोजगार आधारित वीजा कार्यक्रमों में दुरुपयोग और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए नियमों, नीति ज्ञापन और प्रक्रिया संबंधी बदलाव लागू किए हैं। इनमें सबसे प्रमुख एक शुल्क सुनिश्चित करना है जिसका एच-1बी आवेदकों को भुगतान करना होगा जो अंतत: अमेरिकी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने में मदद करेगा।
उन्होंने बताया कि अन्य कदमों में उन लाभार्थियों के चयन की संभावना बढ़ाने के लिए एच-1बी चयन प्रक्रिया को बदलना शामिल है, जिन्होंने किसी अमेरिकी संस्थान से मास्टर या उच्च डिग्री हासिल की है। साथ ही नियोक्ताओं द्वारा फर्जीवाड़े का पता लगाने और इसकी आशंका को खत्म करने के लिए न्याय मंत्रालय के साथ सहयोग बढ़ाना भी शामिल है।
एडलो ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने यूएससीआईएस एच-1बी और एच-2बी फर्जीवाड़े की सूचना देने के लिए ऑनलाइन सूचना प्रपत्र भी तैयार किया है। इसके अलावा एच-1 बी नियोक्ता डेटा केंद्र भी तैयार किया है जो एच-1 बी कर्मचारियों का आवेदन स्वीकार करने वाले नियोक्ताओं की सूचना उपलब्ध कराएगा।