चंडीगढ़, 2 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा में इस बार रक्षाबंधन के मौके पर बहनों को रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा तो नहीं मिलेगी, लेकिन बसों की संख्या जरूर बढ़ सकती है। रोडवेज बेड़े में बसों की संख्या लगभग 4000 है। कोरोना की वजह से अभी इनमें से केवल 1454 बसें ही सड़कों पर दौड़ रही हैं। इनमें भी सवारियां कम रहती हैं।
रक्षाबंधन को देखते हुए परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने रोडवेज डिपो के महाप्रबंधकों (जीएम) को निर्देश दिए हैं कि अगर सवारियों की संख्या बढ़े तो तुरंत बसों की संख्या भी बढ़ाई जाए। महाप्रबंधकों को बस अड्डों पर मौजूद रहने के निर्देश भी दिए हैं। महाप्रबंधकों को कहा गया है कि वे स्टाफ के साथ तालमेल रखें। रोडवेज बसों के साथ चालक और परिचालक भी स्टैंड-बाय रखने को कहा गया है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन पर आने-जाने में यात्रियों को किसी तरह की परेशानी हुई तो संबंधित डिपो के अफसरों पर कार्रवाई होगी। इस दौरान बस अड्डों व बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा। 54 सीटों की क्षमता वाली बसों में 30 से अधिक सवारियों के बैठने की इजाजत नहीं होगी। बसों को सेनेटाइज भी किया जाएगा। बस में सभी सवारियों को फेस मॉस्क लगाकर बैठना अनिवार्य होगा।
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा का कहना है कि राज्य परिवहन की बस दूसरे राज्यों बहुत कम जा रही हैं। पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और नई दिल्ली की तरफ बसों का आवागमन शुरू नहीं हो सका है। राजस्थान में 92 और यूपी में 35 बस जा रही हैं। त्योहार के मौके पर ये बसें भी बढ़ सकती हैं। वहीं परिवहन निदेशक वीरेंद्र दहिया का कहना है कि सोमवार को बसों में सवारियों की संख्या बढ़ती है, वह भी इसलिए क्योंकि साप्ताहिक छुट्टी के बाद लोग ड्यूटी पर आते हैं।
जेलों में रक्षाबंधन मनाने पर रोक
हरियाणा की जेलों में बंद भाइयों से इस बार उनकी बहनें नहीं मिल सकेंगी। इसी तरह से जेलों में बंद महिला कैदियों/बंदियों से भी उनके भाई रक्षाबंधन के मौके पर मुलाकात करने नहीं आ सकेंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने जेलों में रक्षाबंधन मनाने पर रोक लगाई है। पिछले वर्ष बहनों को जेल में जाने की इजाजत भी थी और वे अपने भाई के साथ कुछ देर मुलाकात भी कर सकती थीं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की भी इस संदर्भ में गाइडलाइन है। सरकार ने कैदियों/बंदियों को अपने बहनों व परिवार के सदस्यों के साथ पांच मिनट के लिए फोन पर बात करने की छूट दी है। सरकार ने फैसला लिया है कि यह पांच मिनट का समय परिवार से बातचीत के लिए कैदियों को मिलने वाले फोन के टाइम से अलग रहेगा।
कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार राखी पर जेलों में बहनों को नहीं आने दिया जाएगा। फोन पर पांच मिनट के लिए बात करने का मौका मिलेगा।
जगजीत सिंह, आईजी जेल
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