दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9 अगस्त
हरियाणा पुलिस और परिवहन विभाग भी अब आमने-सामने हो सकते हैं। इसके लिए ग्राउंड भी तैयार हो गया है। पुलिस द्वारा काटे जाने वाले वाहनों के चालान का पैसा नियमों के हिसाब से परिवहन विभाग के खाते में जाना चाहिए, लेकिन यह पैसा पुलिस विभाग ही ‘हजम’ कर रहा है। अब परिवहन विभाग ने न केवल पुराना हिसाब मांग लिया है, बल्कि आगे से चालान की राशि ट्रांसपोर्ट मद में जमा करवाने की तैयारी है।
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने इसके लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन को पत्र लिखा है। इस पत्र में साफ कहा गया है कि पुलिस द्वारा ट्रैफिक नियम तोड़ने के आरोप में किए जाने वाले चालान की राशि परिवहन विभाग के खाते में जमा होनी चाहिए। अभी तक हो यह रहा है कि पुलिस चालान काटती है और पैसा भी खुद के पास ही जमा रखती है। इतना ही नहीं, ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के अलावा रोड सेफ्टी से जुड़े कार्यों पर पुलिस यह पैसा खर्च करती है।
ट्रैफिक पुलिस का मुख्यालय करनाल में बनाया गया है और यहीं पर पूरे प्रदेश में काटे जाने वाले चालानों का रिकार्ड अपडेट रहता है। परिवहन मंत्री ने ट्रांसपोर्ट के मद का उल्लेख करते हुए कहा है कि आगे से इसी हेड में पैसा डाला जाएगा। अहम बात यह है कि यह फैसला सरकार के स्तर पर पहले ही लिया जा चुका है। नियमों में भी प्रावधान है कि चालान का पैसा परिवहन विभाग के खाते में जमा होगा। सूत्रों का कहना है कि पुलिस विभाग रोड सेफ्टी के अलावा पुलिस मेंटेनेंस व सफाई आदि के कार्यों पर भी इस पैसे को खर्च करता है। मंत्री ने इस बात पर भी कड़ी नाराजगी जताई है कि पुलिस पैसा तो खर्चती है, लेकिन इसका हिसाब नहीं देती। बहरहाल, गृह सचिव को पत्र लिखकर इसके लिए कह दिया गया है। इतना ही नहीं, परिवहन विभाग अब तक पुलिस द्वारा चालान से काटी गई राशि और इसके खर्चे का हिसाब-किताब भी पुलिस से मांगेगा।
इससे पहले भी बस पास सुविधा को लेकर पुलिस और परिवहन विभाग में तनाव चल रहा है। हरियाणा पुलिस चाहती है कि पुलिस जवानों को हरियाणा ही नहीं, दूसरे राज्यों में भी जहां तक रोडवेज बसें जाती हैं, फ्री-बस सेवा मिलनी चाहिए। वहीं ट्रांसपोर्ट विभाग हरियाणा के अलावा चंडीगढ़ व नई दिल्ली के अलावा अन्य किसी भी राज्य में बस पास सुविधा के लिए तैयार नहीं है।
पुलिस के आलाधिकारियों से भी चर्चा
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने चालान की राशि को लेकर पुलिस के आला अफसरों से भी बात की। उन्होंने करनाल ट्रैफिक मुख्यालय में आईजी (ट्रैफिक) डॉ. राजश्री से भी बात की। इसी तरह से व डीजीपी मनोज यादव से भी इस बारे में बात कर चुके हैं। कहा गया है कि परिवहन मंत्री इस मामले को मुख्यमंत्री तक लेकर जाने की तैयारी में भी हैं। फिलहाल वे गृह सचिव द्वारा लिए जाने वाले फैसले का इंतजार करेंगे।
रोड सेफ्टी की बैठक जल्द
परिवहन मंत्री ने रोड सेफ्टी की बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं। उनके वरिष्ठ निजी सचिव हरीश गोम्बर इस मामले में पुलिस व ट्रांसपोर्ट विभाग के साथ समय तय करके परिवहन मंत्री को बताएंगे। बैठक में हाईवे व सड़कों पर बनने वाले कट, एक्सिटेंडल स्पॉट आदि के बारे में चर्चा होगी। पुलिस से यह रिपोर्ट भी मांगी जाएगी कि कहां-कहां और कुल कितने सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा चुके हैं।
”ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के चालान काटने के बाद चालान की राशि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के खाते में जमा होनी चाहिए। यह पैसा पुलिस अपने पास ही रख रही है। इसके लिए गृह सचिव को पत्र लिखा है। जल्द ही रोड सेफ्टी की बैठक बुलाकर चालान की राशि का पूरा हिसाब-किताब भी लिया जाएगा।”
-मूलचंद शर्मा, परिवहन मंत्री