चंडीगढ़, 3 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने मंडियों में फसलों के खराब होने से बचाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने समय से पहले मंडियों में फसलों के लिए पर्याप्त बारदाने का प्रबंध कर दिया है। कोविड-19 के दौरान प्रदेश के किसानों को फसल कटाई से लेकर मंडी लाने तक काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी। मंडियों में खरीद सीजन के दौरान आढ़तियों को फसल की सुखाई, तुलाई, बैग-सिलाई व ढुलाई में मजदूरों की कमी होने के कारण काफी दिक्कतें भी आई।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला के पास ही है। इसी के चलते उन्होंने गेहूं सीजन के दौरान ग्राउंड पर जाकर स्थिति को देखा और किसानों व आढ़तियों से भी फीडबैक लिया। ग्राउंड से फीडबैक जुटाने के बाद गत दिवस दुष्यंत ने खाद्य,नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग तथा हरियाणा राज्य कृषि एवं विपणन बोर्ड के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने सीजन 2020-21 के लिए धान एवं बाजरा की खरीद के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की।
फसलों की अधिक आवक के कारण कई बार मंडियों में नमीयुक्त फसलों को सुखाने, उनका तोल करने तथा उसके बाद उठान करने में काफी समय लग जाता है। इसी वजह से किसान को अपनी फसल बेचने व आढ़ती को उसका उठान कराने में परेशानी होती है। इसमें दोनों का ही नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। धान, गेहूं, सरसों, मक्का आदि फसल की सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई व बैग सिलाई तथा बैग उठाने में मजदूरों की कमी होने की भी आम शिकायत रहती है।
दुष्यंत ने कहा कि अक्तूबर माह में धान की खरीद के समय तक अगर कोरोना का प्रकोप रहता है तो इससे श्रमिकों की कमी हो सकती है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने अपनी मंडियों में मशीनों से फसल की सफाई करने, लोड करने, बैग सिलाई करने का निर्णय लिया है ताकि किसानों व आढ़तियों को नुकसान से बचाया जा सके।