नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 10 अगस्त
सेक्टर 34 स्थित नगर निगम मुख्यालय के ठीक जड़ में अवैध कालोनी विकसित की जा रही है। भूमाफिया ने चारों तरफ टीनशेड लगाकर ऐसी व्यवस्था की है कि अवैध कालोनी विकसित होने से रोकने के लिए जिम्मेदार विभागों के अधिकारी ‘गच्चा खा गए।’ निगम का दस्ता इस कालोनी के स्थान पर दूसरी कालोनी में हो रहे अवैध निर्माणों को गिरा आया। यह अवैध कालोनी निगम कमिश्नर कार्यालय से भी दिखाई देती है लेकिन जिम्मेदार विभाग इस पर मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं हैं।
गुरुग्राम-मानेसर अर्बन डेवलेपमेंट प्लान 2031 के तहत ओपन स्पेस के लिए छोड़ी गई जमीन पर एक निवर्तमान विधायक द्वारा विकसित की गई अवैध कालोनी के मामले में चुपचाप बैठे नगर निगम व डीटीपी अभी तक इस कालोनी में हो रहे निर्माणों को नहीं रोक पाए हैं। यह जमीन प्लान से बाहर हो जाने के कारण निवर्तमान विधायक ने एक बिल्डर से औने-पौने दामों में खरीदी थी। ठीक निगम कार्यालय के पास ही इस अवैध कालोनी में कुछ ही समय में करीब 100 मकान बन गए और बड़ी संख्या में धरती का सीना चीरकर अवैध रूप से बोरवेल लगा लिए गए, लेकिन निगम अधिकारी व डीटीपी दस्ता कई बार प्रयास के बाद भी अपनी कार्रवाई नहीं कर सका। अब इससे भी दो कदम आगे इंफोसिटी परिसर की दीवार के पास टीनशेड लगाकर भू माफिया ने कालोनी विकसित करनी शुरू कर दी है। इसमें 30 से 40 हजार रुपये प्रति वर्ग गज का रेट तय किया गया है और 100 से 300 वर्ग गज तक के प्लाट का नक्शा तैयार करके अस्थाई सड़क आदि भी बना दी गई है। कालोनी एक निजी कालेज के गेट के साथ सटी जमीन पर करीब छह एकड़ जमीन पर विकसित की जा रही है।
निगम कमिश्नर ने माना-कालोनी अवैध
इंफोसिटी के करीब जिस स्थान पर कालोनी विकसित की जा रही है वहां नगर निगम का मुख्यालय व एचएसवीपी के संपदा अधिकारी-2 का कार्यालय है। यह अवैध कालोनी निगम कमिश्नर कार्यालय से साफ दिखाई देती है। पिछले दिनों निगम कमिश्नर ने इसके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए, लेकिन दस्ता ‘अनजाने’ में किसी और कालोनी में तोड़फोड़ व सीलिंग कर आया। निगम कमिश्नर विनय प्रताप सिंह कहते हैं, ‘कालोनी अवैध है, इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शहर में अवैध कालोनियों को किसी भी सूरत में पनपने नहीं दिया जाएगा।’
डीसी बोले-मुझे जानकारी नहीं, डीटीपी बताएंगे
कुछ समय पहले जिले की जमीन की निगरानी सेटेलाइट से करवाकर अवैध कालोनी किसी भी हाल में विकसित नहीं होने देने का दावा करने वाले प्रशासनिक अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। डीसी अमित खत्री कहते हैं, ‘कालोनी लाइसेंस प्राप्त है या नहीं इसकी जानकारी मुझे नहीं है। इस बारे में डीटीपी ही बता सकते हैं।’ लेकिन डीटीपी आरएस बाठ कालोनी के बारे में कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। कई बार प्रयास के बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।