नयी दिल्ली, 22 सितंबर (ट्रिन्यू/ एजेंसी)
ब्रिटेन ने अपने यहां आने वाले यात्रियों के लिए कोविड वैक्सीन की सूची में कोविशील्ड को शामिल कर लिया है, लेकिन भारत में जारी होने वाले सर्टिफिकेट को साक्ष्य के तौर पर अभी मंजूरी नहीं दी है। ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि मुख्य मुद्दा टीका प्रमाणन का है, न कि कोविशील्ड टीके का। इसके मायने हैं कि कोविशील्ड की 2 खुराक ले चुके भारतीय यात्रियों को ब्रिटेन जाने पर अब भी 10 दिनों के लिए पृथक-वास में रहना होगा और कम से कम 2 बार आटीपीसीआर टेस्ट कराना होगा। ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि दोनों देश इस मुद्दे का परस्पर हल ढूंढने के लिए संवाद कर रहे हैं। वहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ आरएस शर्मा ने कहा कि ब्रिटेन द्वारा प्रमाणन के बारे में उठाई गयी चिंता के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविन प्रणाली डब्ल्यूएचओ के अनुकूल है।
बि्रटेन में 4 अक्तूबर से यात्रियों के लिए लागू की जा रही टीकाकरण नीति पर एतराज जताते हुए भारत ने मंगलवार को जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके बाद बुधवार को ब्रिटेन ने कोविशील्ड को अंतर्राष्ट्रीय यात्रा परामर्श में शामिल कर लिया। इसमें कहा गया है, ‘एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड को 4 अक्तूबर से स्वीकृत टीके के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। ब्रिटेन आने से कम से कम 14 दिन पहले टीके की दोनों खुराकें लेना अनिवार्य है।’
टीकों की परस्पर मान्यता जरूरी : मोदी
नयी दिल्ली (एजेंसी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोविड-19 पर एक शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘हमें इस महामारी के आर्थिक प्रभावों के समाधान पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके लिए टीकों के प्रमाणपत्र को पारस्परिक मान्यता देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय यात्रा को आसान बनाने की जरूरत है।’ सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने 95 अन्य देशों और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों के साथ टीका साझा किया। भारत उत्पादन क्षमता बढ़ा रहा है, इसके बाद अन्य देशों को आपूर्ति बहाल करेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए कच्चे माल की आपूर्ति शृंखला को खुला रखे जाने की आवश्यकता है।