हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 12 जुलाई
लिंगानुपात के मामले मे रोहतक को झटका लगा है। 2021 में लिंगानुपात तालिका में रोहतक पहले स्थान पर था। छह महीने के अंदर लुढ़ककर सातवें स्थान पर पहुंच गया है। रोहतक में पिछले साल 945 लिंगानुपात था, जबकि इस साल 30 जून तक यह आंकड़ा 929 पर खिसक गया है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि साल के अंत तक जिले के लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार आ जाएगा।
इस वर्ष तालिका में फतेहाबाद 987 के लिंगानुपात के साथ सबसे ऊपर है। उसके बाद जींद और गुरुग्राम क्रमशः 959 और 942 के साथ दूसरे व तीसरे स्थान पर हैं। दिलचस्प बात यह है कि फतेहाबाद 2021 के अंत में लिंगानुपात के मामले में राज्य में 20 वें स्थान पर था। पिछले छह महीनों में फतेहाबाद ने 88 अंकों का सुधार किया है और शीर्ष पर पहुंच गया। वर्ष 2021 में रोहतक पहली बार लिंगानुपात में सुधार करते हुए शीर्ष स्थान पर पहुंचा था।
इससे पहले पिछले 10 वर्षों के लिंगानुपात पर नजर मारी जाए तो रोहतक की स्थिति अच्छी नहीं थी। रोहतक में वर्ष 2011 में लिंगानुपात की दर 813, 2012 में 822, 2013 में 827, 2014 में 854, 2015 में 859, 2016 में 905, 2017 में 891, 2018 में 895, 2019 में 911 व वर्ष 2020 में 912 थी। राज्य में एक जनवरी से 30 जून तक कुल 2,33,435 बच्चे पैदा हुए हैं जिनमें 121823 लड़के जबकि 111612 लड़कियां हैं।
खास बात यह है कि साल की पहली छमाही में 11 जिलों में लिंगानुपात राज्य के औसत से भी कम पाया गया है और उनमें से 6 जिलों में 1000 लड़कों के मुकाबले 900 से कम लड़कियों का जन्म हुआ है। मुख्यमंत्री का शहर करनाल भी इन्हीं जिलों में शामिल है।
साल के अंत तक होगा सुधार
रोहतक के सिविल सर्जन डॉ अनिल बिरला का कहना है कि यह 6 महीने के आंकड़े हैं। साल के अंत तक लिंगानुपात में सुधार हो जाएगा। इसके लिए कैंप लगाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर रेड डाली जा रही है। पिछले महीने भी गाजियाबाद में रेड डालकर लिंग जांच करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया था।