नयी दिल्ली, 13 जुलाई (एजेंसी)सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई करने के लिए बुधवार को राजी हो गया। चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने वकील प्रशांत भूषण की उन दलीलों पर गौर किया कि याचिकाएं काफी पहले दायर की गयी थीं, लेकिन इन्हें अभी तक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है। भूषण ने कहा, ‘लड़कियों की पढ़ाई छूट रही है और वे मुश्किलों का सामना कर रही हैं।’ इस पर पीठ ने कहा, ‘दो पीठ अभी काम नहीं कर रही हैं। इसलिए हमें इस मामले को फिर से (किसी अन्य पीठ को) सौंपना होगा। इसे अगले सप्ताह किसी दिन उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा।’
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 15 मार्च को कक्षा के भीतर हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं खारिज कर दी थी। इस फैसले के खिलाफ अपीलों की तत्काल सुनवाई के लिए 26 अप्रैल को भी मामले का विशेष उल्लेख किया गया था। कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी थीं। हाईकोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना अनिवार्य धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। हाईकोर्ट ने कक्षा के भीतर हिजाब पहनने की अनुमति देने संबंधी उडुपी के गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं खारिज कर दी थी। शीर्ष न्यायालय में दाखिल याचिकाओं में से एक में याचिकाकर्ता ने कहा है, ‘हाईकोर्ट ने यह गौर नहीं किया कि हिजाब पहनने का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार के दायरे में आता है। अपने विवेक के आधार पर निर्णय लेने की आजादी निजता के अधिकार का एक हिस्सा है।’