सोनीपत, 16 जुलाई (हप्र)
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली सोनीपत की 4 निजी बिल्डर कंपनियों के 6 प्रोजेक्ट्स पर 153.66 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है। इन कंपनियों में टीडीआई इंफ्रास्ट्रक्चर, पार्कर, सीएमडी बिल्डटेक और नारंग कंस्ट्रक्शन शामिल हैं। टी.डी.आई. इंफ्रास्ट्रक्चर पर सबसे ज्यादा 94 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया गया है।
इस जुर्माने को एनजीटी ने पर्यावरण मुआवजे का नाम दिया है। मिलने वाली रकम को पर्यावरण संरक्षण के लिए खर्च करने के निर्देश दिए हैं, जिसके लिए बाकायदा एक कमेटी का गठन भी किया गया है। कंपनियों को जहां 3 माह में जुर्माना राशि जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं, वहीं, कमेटी को पर्यावरण सुदृढ़ता के प्लान को लागू करने के लिए 6 माह का समय दिया गया है। ये ऑर्डर एनजीटी के अध्यक्ष आर्दश कुमार गोयल, ज्यूडिशियल मेंबर सुधीर अग्रवाल, पुष्पा सत्यनारायण, एक्सपर्ट मैंबर ए. सेंथिल वेल की टीम ने जारी किए हैं।
सोनीपत के गांव नांगल कलां के ग्रामीण किसान उदय समिति के बैनर तले पिछले कई सालों से पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी रहे थे। समिति द्वारा 2018 में शिकायत नंबर 764 एनजीटी में भी लगाई थी। इसी शिकायत पर एनजीटी ने 15 जुलाई को आदेश दिए हैं। शिकायत में ग्रामीणों ने बताया था कि सेक्टर-58 से लेकर सेक्टर-64 तक में निजी बिल्डरों ने रिहायशी प्रोजेक्ट्स तैयार किए हैं, जिनमें 14 से 15 हजार लोग रहते हैं। इन रिहायशी इलाकों से जो दूषित पानी या गंदगी निकलती है, उसके निपटान की ठोस व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार दूषित पानी को टैंक में भरकर नांगल कलां गांव के क्षेत्र में जमीन पर डाल दिया जाता है। शिकायत में बताया गया था कि हर रोज करीब 5 लाख लीटर दूषित पानी गांव की जमीन पर डाला जा रहा है, जिसकी वजह से क्षेत्र में बदबू फैल रही है और बीमारियां फैलने का खतरा भी बना हुआ है। ग्रामीणों का आरोप था कि पानी ट्रीटमेंट किए बिना आसपास की खाली जमीन पर डाला जा रहा है। इसके अलावा खेतों के लिए बनाई गई नहरों में भी गंदगी डाली जा रही है।
किस पर कितना जुर्माना
टीडीआई किंग्सबरी अपॉर्टमेंट के लिए टीडीआई इंफ्रास्ट्रक्चर पर 72 करोड़ रुपये, माई फ्लोर 2 सेक्टर-60 के लिए टीडीआई इंफ्रास्ट्रच्कर पर 10.8 करोड़ रुपये, टक्सन सिटी के लिए टीडीआई इंफ्रास्ट्रच्कर पर 12.28 करोड़ रुपये, पार्कर एस्टेट डेवलेपमेंट प्रावइेट लिमिटेड पर 17.1 करोड़ रुपये, सीएमडी बिल्डटैक (प्रदेशी डेवलेपर्स) पर 40.48 करोड़ रुपये और नारंग कंस्ट्रक्शन पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।