वाराणसी : यहां के जवाहर नवोदय विद्यालय में स्मार्ट क्लास शुरू की गयी हैं। यहां ब्लैक बोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड से बच्चे नये युग की पढ़ाई को सीख रहे हैं। बताया गया कि सैमसंग कंपनी ने बृहस्पतिवार को फ्लैगशिप वैश्विक नागरिकता कार्यक्रम सैमसंग स्मार्ट स्कूल शुरू किया। वाराणसी के जवाहर नवोदय विद्यालय से शुरू किया गया यह कार्यक्रम छात्रों को डिजिटल लर्निंग के अवसर प्रदान करेगा और साथ ही उनकी सीखने की क्षमताओं को भी सुधारेगा। स्कूल के शिक्षकों के इंटरैक्टिव शिक्षण के तरीकों को उन्नत बनाने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। एक खास विजन के तहत विकसित ट्रांसफॉर्मेटिव इनोवेशंस के फायदे उपलब्ध करा कर भविष्य के लिए युवा नेतृत्व तैयार करना है। कक्षाओं में एक प्रिंटर, एक सर्वर पीसी, एक टैबलेट चार्जिंग स्टेशन, और पावर बैकअप होगा। कार्यक्रम के दौरान वाराणसी के जिलाधिकारी और स्कूल के पूर्व छात्र कौशल राज शर्मा, नवोदय विद्यालय समिति क्षेत्रीयकार्यालय, वाराणसी के उपायुक्त एसके महेश्वरी, सैमसंग इंडिया के उप प्रबंध निदेशक पीटर री, कॉरपोरेट सिटिजनशिप वाइस प्रेसिडेंट पार्थो घोष और जवाहर नवोदय विद्यालय, वाराणसी के प्राचार्य पीके सिंह ने नए स्मार्ट स्कूल का उद्घाटन किया। सिंह ने कहा, ‘वाराणसी के दूर-दराज के इलाकों में छात्रों को डिजिटल शिक्षण में समर्थ बनाने के लिए सैमसंग द्वारा किए गए प्रयासों को देख कर हमें बहुत खुशी हो रही है। यह प्रयास डिजिटल खाई को पाटेगा।’
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।