पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत 13 अक्तूबर
यमुना तटबंध से रेत के वाहन गुजारे जाने को लेकर ग्रामीण और पुलिस फिर से आमने-सामने हो गए हैं। सुबह आसपास के गांव के काफी संख्या में ग्रामीण यमुना बांध पर आ पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। इनका कहना था कि वह किसी सूरत में यहां से भारी वाहनों को नहीं जाने देंगे। इधर, सूचना पाते ही भारी पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया और विरोध कर रहे ग्रामीणों को खदेड़ना शुरू कर दिया। इसे लेकर काफी देर बांध पर तनातनी बनी रही। बाद में पुलिस ने ग्रामीणों को चेताया कि अगर वह विरोध से बाज नहीं आए और वाहनों को रोका तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा।
इस पर ग्रामीणों ने तय किया है कि वह डीसी और एसपी से मिल कर अपनी समस्या रखेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि यह नियमों की अनदेखी है और इससे किसानों को बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। साथ ही उनके ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें बदहाल हो गई हैं, लेकिन पुलिस है कि योद्धा माइनिंग कंपनी का पक्ष ले रही है। ग्रामीणों ने कहा कि यह एनजीटी के आदेश का उल्लंघन है और इसके लिए सिंचाई विभाग को कार्रवाई के लिए भी कहा गया था, लेकिन आज तक न तो मुकदमा दर्ज किया गया और न ही किसी तरह की कार्रवाई हुई। दरअसल, इस सारे फसाद की वजह सिंचाई और माइनिंग विभाग के बीच तालमेल की कमी है। कानूनी तौर पर यमुना के अंदर किसी भी तरीके से अवैध माइनिंग होती है, तो इसे रोकना खनन विभाग की जिम्मेदारी है। यमुना के बहाव से छेड़छाड होती है या यमुना तटबंध का दुरुपयोग होता है, तो इसे रोकने का जिम्मा सिंचाई विभाग का बनता है, लेकिन दोनों ही पल्ला झाड़ रहे हैं।
हमारे पास रोकने के आदेश नहीं
पुलिस का तर्क है कि वाहनों पर रोक का कोई आदेश उनके पास नहीं है और ग्रामीण मनमानी कर रहे हैं। मुरथल थाना प्रभारी राजीव कुमार का कहना है कि यह कार्रवाई प्रशासन को करनी है। ग्रामीणों को कोई समस्या है, तो वहां जाएं। इस तरह से वाहनों को रोकना उचित नहीं है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों को समझा दिया गया है। ग्रामीणों का माइंस कंपनी के साथ जो विवाद है, वह अपने स्तर पर निपटाएं।
डीसी ने अफसरों को किया तलब
इस संदर्भ में डीसी श्यामलाल पूनिया का कहना है कि यह मामला बेहद संगीन है। इससे पहले भी इसमें कई तरह की लापरवाही की बात उनके संज्ञान में लाई गई थी। इसमें कतई कोई संदेह नहीं है कि यमुना तटबंध से वाहनों को गुजारने पर पूरी तरह से रोक है। यह पता किया जाएगा कि इसे रोकना खनन विभाग का काम है या सिंचाई विभाग का। दोनों विभागों के अधिकारियों को तलब किया गया है। मनमानी नहीं करने देंगे।