हरेंद्र रापडि़या
सोनीपत,18 जुलाई (हप्र)
सोनीपत से कांग्रेस के विधायक सुरेंद्र पंवार और उसके परिवार को मिली धमकियों पर कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने पर विधायक के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने सरकार को चेतावनी स्वरूप अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी। उनके इस्तीफे की खबरों से प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया, वहीं उनके कार्यकर्ता व शहरवासी हैरान तथा परेशान हो गए और अधिक जानकारी पाने के लिए देर रात तक लोगों के फोन घनघनाते रहे। उनके इस्तीफे की पेशकश पर राजनीतिक लोग गुणा-भाग करने में जुट गए। विधायक सुरेंद्र पंवार ने दैनिक ट्रिब्यून संवाददाता से बातचीत में बताया था कि 25 जून शाम को उसके फोन पर व्हाट्सअप कॉल आई जिसे उन्होंने रूटीन में अटैंड कर लिया। दूसरी ओर से उन्हें धमकी दी गई। उसके बाद व्हाट्सअप पर धमकी भरा मैसेज भी मिला। उन्होंने अपने स्तर पर इसकी जांच कराई तो नंबर दुबई का पाया गया। विधायक ने इस मामले में विस्तार से बातचीत करने में असमर्थता जताते हुए पुलिस से संपर्क करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस मुद्दे पर किसी से भी अधिक बात न करने की सलाह दी थी। बकौल विधायक पुलिस का कहना था कि इससे जांच प्रभावित हो सकती है।
सार्वजनिक कार्यक्रमों से किया किनारा
विधायक सुरेंद्र पंवार सप्ताह में कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आते थे। मगर धमकी मिलने के बाद उन्होंने अपने आपको कार्यक्रमों से दूर कर लिया। उन्होंने यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया था या पुलिस की सलाह पर, यह तो अभी तक साफ नहीं हो पाया। इतना ही नहीं लोगों से मिलना जुलना भी कम कर दिया था।
इस्तीफे की पेशकश पर घनघना उठे फोन
सोमवार शाम को विधायक सुरेंद्र पंवार द्वारा चेतावनी स्वरूप इस्तीफा दिए जाने के खबरों के बाद शहर में लोगों के फोन घनघना उठे। लोग एक दूसरे को फोन कर मामले की तह में जाने में जुटे रहे। शहर के मीडिया पर्सन के पास भी लोगों ने खूब फोन मिलाए। वहीं राजनीतिक लोग इस्तीफे की चर्चा के बीच गुणा-भाग में जुटे रहे। वहीं देर शाम को विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद अपना विधायक सुरेंद्र पंवार द्वारा इस्तीफा वापस लिए जाने के बाद कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली। सुरेंद्र पंवार 2019 के चुनाव में सोनीपत विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर भाजपा प्रत्याशी कविता जैन को हराकर विधायक चुने गए थे।