चंडीगढ़, 13 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में 11 साल पुराने पेंशन घोटाले की प्राथमिक जांच में विजिलेंस को जिला समाज कल्याण अधिकारियों के पास से कोई रिकार्ड नहीं मिल रहा है। जिला समाज कल्याण अधिकारियों ने विजिलेंस द्वारा मांगी गई जानकारी के आधार पर अपने जवाब में कहा है कि उनके पास मांगा गया रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। गौरतलब है कि 2011-12 में समाज कल्याण विभाग की ओर से राज्य के सभी 22 जिलों में बुढ़ापा पेंशन के लिए 558 करोड़ रुपये जारी किये गये थे। इस राशि का वितरण फिन-को नामक प्राइवेट कंपनी को सौंपा गया था, जिसने पात्र लोगों में पेंशन का वितरण करना था।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार को जानकारी मिली कि फिन-को कंपनी ने अपना काम ठीक ढंग से नहीं किया और अपात्र लोगों में भी पेंशन का वितरण कर दिया। इस कंपनी का समाज कल्याण विभाग के साथ पेंशन वितरण का इकरारनामा भी जिला कार्यालयों में उपलब्ध नहीं है। विजिलेंस इस बात की प्रमुखता से जांच कर रही है कि फिन-को कंपनी को पेंशन वितरण का काम किन हालात में दिया गया और इसकी अनुमति किसने दी थी। विजिलेंस ने इसकी जानकारी जुटाने के लिए सभी जिला समाज कल्याण अधिकारियों को पत्र लिखकर फिन-को कंपनी समेत पूरा रिकार्ड तलब किया है, जो उपलब्ध नहीं हो रहा है।