दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 20 सितंबर
केंद्र सरकार द्वारा कृषि से जुड़े तीन नये अध्यादेश लोकसभा में पास होने के बाद हरियाणा के किसानों का गुस्सा भी भड़क गया है। चंद घंटों के शॉर्ट-नोटिस पर प्रदेशभर के किसानों ने सड़क पर आकर नये कानूनों का विरोध किया। जीटी रोड यानी दिल्ली-चंडीगढ़ सड़क को छोड़कर किसानों ने हरियाणा के कई नेशनल व स्टेट हाईवे को जाम किए रखा।
कई जिलों में सुबह से ही आंदोलन शुरू हो गया था। अधिकांश जगहों पर 12 बजे से सड़कें जाम हुईं और दोपहर 3 बजे तक रास्ते बंद रहे। केंद्र व राज्य की सरकार को चेताते हुए किसानों ने सरकार से नये कानूनों को वापस लेने की मांग की है। साथ ही, चेतावनी दी है कि अगर किसानों की मांग को मंजूर नहीं किया गया तो फिर बड़ा किसान आंदोलन खड़ा होगा। किसानों के रोड जाम के कार्यक्रम का फैसला शनिवार को ही हुआ था।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित डेढ़ दर्जन के करीब किसान संगठन इस आंदोलन में शामिल रहे। चढ़ूनी ने शनिवार को फेसबुक पर लाइव आकर किसानों से इस आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया था। केंद्र सरकार द्वारा कृषि से जुड़े तीन विधेयक लोकसभा में पास कर देने के बाद हाईवे जाम का ऐलान हुआ था।
बड़ी बात यह है कि प्रदेश के डिप्टी सीएम व सत्तारूढ़ भाजपा की गठबंधन सहयोगी जजपा के नेता दुष्यंत सिंह चौटाला ने भी साफ कर दिया है कि अगर नये कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसी तरह की दिक्कत आएगी तो वे तुरंत अपना पद छोड़ देंगे। बेशक, अधिकांश विपक्षी दल शुरू से ही इन अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं, लेकिन अब मामला काफी तूल पकड़ चुका है।
किसानों के आंदोलन को तीन विधायकों ने खुलकर समर्थन दिया। महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू, शाहबाद से जजपा विधायक रामकरण काला तथा बरवाला से जजपा विधायक जोगीराम सिहाग तो किसानों के धरना स्थल पर ही जा पहुंचे। अंबाला से लेकर मेवात, फरीदाबाद-पलवल और कुंडली से लेकर हिसार-फतेहाबाद तक किसान सड़क पर नज़र आए।
सीएम मनोहर लाल खट्टर चंडीगढ़ तो गृह मंत्री अनिल विज अंबाला कैंट से ही किसान आंदोलन को लेकर फीडबैक लेते रहे। प्रदेश में किसी प्रकार की अप्रिय घटना का समाचार नहीं है।
आंदोलन के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए हरियाणा पुलिस के 20 हजार से अधिक जवान और अधिकारी तैनात किए गए थे।
बार-बार होते रहे निर्देश संयम न खोये पुलिस
किसानों के प्रदर्शन के दौरान पिछले सप्ताह पुलिस द्वारा किया गया लाठीचार्ज सरकार के गले की फांस बन गया है। इसके चलते रविवार को सरकार व पुलिस की परीक्षा थी। ऐसे में चंडीगढ़ मुख्यालय पर मौजूद पुलिस के आला अधिकारी जहां फील्ड में तैनात अधिकारियों से पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे वहीं आज उनका पूरा फोकस इस बात पर रहा कि जिला पुलिस अधीक्षक फ्रंटलाइन पर तैनात पुलिस के जवानों तथा अधिकारियों के साथ तालमेल बनाए रखें। कोई भी जवान संयम खोकर लाठीचार्ज जैसा कदम नहीं उठाएगा। किसानों के साथ शांतिपूवर्क ढंग से बातचीत करके उन्हें विश्वास में लिया जाए।
कहां क्या किया किसानों ने
0 पंचकूला में किसानों ने दोपहर करीब 12 बजे बरवाला के निकट चंडीगढ़-यमुनानगर हाईवे को जाम किया। किसानों ने कृषि से जुड़े अध्यादेशों की प्रतियां फाड़ीं।
0 अंबाला में किसानों ने कुछ समय के लिए अंबाला-चंडीगढ़ मुख्य मार्ग पर जाम लगाया। बाद में वे जीटी रोड से हट गए।
0 अंबाला के नारायणगढ़ में भी किसानों ने सड़क के बीचों-बीच ट्रालियां लगाकर जाम लगाया। किसानों के इस प्रदर्शन का स्थानीय नेताओं ने भी समर्थन किया।
0 सिरसा में किसानों ने पंजुआना के निकट टोल प्लाजा पर जाम लगाया तो भारी संख्या में ट्रैफिक रुक गया। किसानों ने सिरसा से पंजाब, राजस्थान व चंडीगढ़ की सड़कों को रोका।
0 करनाल, पानीपत व सोनीपत मुख्य मार्गों पर स्थिति नियंत्रण में रही लेकिन गोहाना में किसानों ने रोहतक की तरफ जाने वाले मार्ग पर जाम लगाया।
0 नूंह में किसान संगठनों ने शांतिपूर्वक ढंग से रोष मार्च किया। सोनीपत जिला के खरखौदा स्थित बाईपास पर किसानों ने कई घंटे तक जाम लगाकर अपना विरोध दर्ज करवाया।
0 फतेहाबाद में किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर-9 पर चंडीगढ़ की तरफ जाने वाली सड़क जाम की गयी। सिरसा से दिनभर तनावपूर्ण स्थिति की खबरें आती रहीं।
0 कैथल में किसानों ने तितरम मोड़ पर प्रदर्शन किया और चंडीगढ़ व हिसार की तरफ जाने वाली सड़कों पर जाम लगाया।