कोलकाता, 4 मार्च (एजेंसी)
राष्ट्रीय जनता दल और समाजवादी पार्टी के बाद शिवेसना ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को बृहस्पतिवार को अपना समर्थन दिया और कहा कि वह पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। ममता बनर्जी को ‘बंगाल की असली शेरनी’ बताते हुए शिवसेना ने तृणमूल कांग्रेस के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने का संकल्प लिया। पार्टी ने पूर्व में कहा था कि वह राज्य में चुनावी मुकाबले में उतरेगी। शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने एक ट्वीट कर इसकी घोषणा की और कहा कि पार्टी अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा के बाद यह फैसला किया गया। राउत ने कहा कि इस वक्त ‘‘दीदी बनाम अन्य सभी” का मुकाबला प्रतीत हो रहा है। राउत ने कहा, ‘बहुत लोग यह जानना चाहते थे कि शिवसेना पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेगी या नहीं? पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे जी के साथ चर्चा के बाद यह फैसला किया गया है।” उन्होंने कहा, ‘ममता दीदी के खिलाफ धन-बल, मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा। इसलिए शिवसेना ने पश्चिम बंगाल चुनाव नहीं लड़ने और उनके साथ खड़ा रहने का फैसला किया है। हम ममता दीदी की जबरदस्त सफलता की कामना करते हैं क्योंकि हमारा मानना है कि वह बंगाल की असली शेरनी हैं।’ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने राउत के ट्वीट को रीट्वीट किया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा, ‘हम शिवसेना के फैसले का स्वागत करते हैं। पश्चिम बंगाल चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारने के लिए हम शिवसेना का शुक्रिया अदा करते हैं।’
बहरहाल, भाजपा ने घटनाक्रम को बहुत तवज्जो नहीं दी। भाजपा के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने कहा, ‘बंगाल में शिवसेना, राजद या सपा का क्या जनाधार है? बंगाल में उनकी कोई मौजूदगी नहीं है। कोई मायने नहीं रखता कि कौन उनका समर्थन करता है, कौन नहीं। यह हास्यास्पद है।’ पिछले दिनों राजद नेता तेजस्वी यादव ने राज्य सचिवालय ‘नाबन्ना’ में बनर्जी से मुलाकात की थी और तृणमूल कांग्रेस को समर्थन दिया था।