नयी दिल्ली, 18 अक्तूबर (एजेंसी) महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीमकोर्ट से कहा है कि कोविड-19 के बीच नांदेड़ गुरुद्वारा को परम्परा के मुताबिक दशहरा जलूस निकालने की अनुमति देना ‘व्यावहारिक रूप से सही विकल्प’ नहीं है और राज्य सरकार ने वायरस का प्रसार रोकने के लिए धार्मिक उत्सवों के आयोजन को अनुमति नहीं देने का फैसला सोच समझकर लिया है। राज्य सरकार ने कहा कि इसके पुराने अनुभव के मुताबिक स्थितियों और लगाए गए प्रतिबंधों पर कड़ी निगरानी बनाए रखना संभव नहीं है और इसका परिणाम घातक वायरस के प्रसार के तौर पर होता है। सरकार ने कहा कि निर्णय पूरी तरह उचित है और इस अदालत को अपने असाधारण संवैधानिक रिट न्यायाधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल कर हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ याचिका पर सोमवार को सुनवाई कर सकती है, जब शीर्ष अदालत में दशहरा की छुट्टियां होंगी। पीठ ने ‘नांदेड़ सिख गुरुद्वारा सचखंड श्री हजूर अबचलनगर साहिब बोर्ड’ की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा था। राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि उसने सोच-समझकर धार्मिक उत्सवों का आयोजन और बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाने का निर्णय किया है और इसमें कुछ भी अपवाद नहीं है।