ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 23 सितंबर
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के बीचोंबीच स्थित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में एक कोरोना संक्रमित महिला ने बीती रात आत्महत्या कर ली। अस्पताल में उस समय 20 से 25 कोरोना संक्रमित उपचाराधीन थे और बड़ी संख्या में डाक्टर तथा अन्य पैरामेडिकल स्टाफ ड्यूटी पर तैनात था। कोरोना संक्रमित 54 वर्षीय इस महिला को 18 सितंबर को इस अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था और ये हाई ब्लड प्रेशर की भी मरीज थी। कोरोना संक्रमित इस महिला की आत्महत्या ने अस्पताल के डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है। हैरानी की बात है कि इस महिला ने रात लगभग 12 बजे दरवाजे से फंदा लगाया। उस घटना का तुरंत ही साथ में भर्ती कोरोना संक्रमित रोगियों, डाक्टरों और अस्पताल स्टाफ को पता चल गया लेकिन इसके बावजूद इस महिला को सुबह 4 बजे फंदे से उतारा गया। इस दौरान अस्पताल में उपचाराधीन कोरोना रोगी भारी मानसिक तनाव में रहे। मृतक महिला के बेटे ने इस मौत के लिए अस्पताल के डाक्टरों और स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया है। बेटे ने ये भी कहा कि उसकी मां हाई ब्लड प्रेशर की मरीज थी लेकिन जिस दिन से उसे अस्पताल में भर्ती किया गया उसी दिन से उसे न तो दवाइयां दी जा रही थी और न ही कोई अन्य देखभाल हो रही थी। इस बीच उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। इस बीच मृतक महिला के परिजनों और अन्य लोगों ने डॉक्टरों, अस्पताल स्टाफ तथा जिला प्रशासन के खिलाफ अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।