चंडीगढ़, 22 जुलाई (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए सभी उपायुक्तों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। सीएम बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ से प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों की सूक्ष्म सिंचाई एवं परिवार पहचान-पत्र के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में सभी उपायुक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
सीएम ने कहा कि हमारा उद्देश्य प्रदेश के हर कोने में प्रत्येक खेत तक पानी पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली लगाने के लिए सरकार 85 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। अधिक से अधिक किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि जहां पर नहरी पानी से सिंचाई की व्यवस्था है, वहां भी अधिक से अधिक किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने के लिए प्रेरित करें, जिससे जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है, वहां के किसानों को भी खेतों के लिए अधिक से अधिक पानी उपलब्ध हो सके। उन्होंने उपायुक्तों से उनके जिलों में सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के सम्बंध में विस्तार से जानकारी ली और सूक्ष्म सिंचाई के लिए दक्षिण हरियाणा के 8 जिलों भिवानी, रेवाड़ी, चरखी दादरी, हिसार, सिरसा, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। इनमें से भी 4 जिलों भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिलों पर और अधिक फोकस करते हुए योजना को क्रियान्वित करने के लिए कहा। सीएम ने कहा कि राजस्थान के साथ लगते जिलों में पानी की अधिक समस्या है, इसलिए इन जिलों में न केवल सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को गति देने के लिए काम करें, बल्कि इन जिलों में सिंचाई विभाग के पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति भी करें। मुख्यमंत्री ने परिवार पहचान पत्र योजना के विभिन्न बिंदुओं पर उपायुक्तों से फीडबैक लिया और सर्वे के काम में तेजी लाने के लिए कहा। उन्होंने उपायुक्तों को कहा कि 6 विभागों के अधिकारियों की टीम का जल्द गठन करें, जिससे अति गरीब परिवारों की आमदनी बढ़ाने के लिए काम किया जा सके। खट्टर ने कहा कि गरीब परिवारों के आर्थिक उत्थान को सामाजिक जिम्मेदारी मानकर काम करने की आवश्यकता है।
अटल भूजल योजना में डीआईपीज भागीदार
प्रदेश सरकार ने ‘भू-जल विकास एवं प्रबंधन’ में नयी शुरुआत की है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ‘अटल भूजल योजना’ के क्रियान्वयन में मदद के लिए 6 समूहों के लिए डिस्ट्रिक्ट इम्पलिमेंटेशन पार्टनर्स (डीआईपीज) की भागीदारी को मंजूरी दी है। मंजूरी के बाद डीआईपीज ग्राम जल-सुरक्षा योजना तैयार करेंगे और पंचायत स्तर पर इसके क्रियान्वयन में सहयोग करेंगे। वे लोगों के साथ आत्मीय संबंध स्थापित कर उनके सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन लाने का प्रयास करेंगे। सीएम ने बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में ‘अटल भूजल योजना’ की समीक्षा बैठक में यह मंजूरी दी। मुख्यमंत्री ने राज्य में ‘अटल भूजल योजना’ को ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ और सूक्ष्म-सिंचाई जैसी अन्य जल-संरक्षण योजनाओं के साथ जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान भविष्य की योजनाओं के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली।