जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 20 अक्तूबर
रबी फसलों की बुआई किसानों द्वारा खाद कम होने की उठाई जा रही मांग को देखते हुए पंजाब और जिलों को खाद की तस्करी की संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने सीमांत क्षेत्रों में नाकाबंदी कर दी है। वहीं जिले में खाद की कमी नहीं रहे, इससे पूरे प्रबंध करने का दावा किया है।
दरअसल खाद की तस्करी की आशंका जताते हुए जिला प्रशासन की ओर से जिले की सीमाएं ही सील कर दी गई हैं ताकि जिला से बाहर खाद जा ही नहीं सके। हालांकि इसका विरोध भी हुआ लेकिन मामला मुख्यालय के आदेशों का हवाला देकर टाल दिया गया। यही नहीं दी अम्बाला सेंट्रल कोआॅपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक ने सभी पैक्सों को एक अति जरूरी पत्र लिखकर सचेत रहने को कहा है। उन्होंने खाद की पंजाब में अवैध तस्करी होने का अंदेशा व्यक्त किया है। साथ ही खाद की आपूर्ति सीमित होने के कारण किसी को भी नकद खाद नहीं देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया कि किसानों को जरूरत के हिसाब से ही खाद दिया जाए। पत्र में चेतावनी दी कि यदि कोई पैक्स प्रबंधक, स्टाफ पंजाब के लोगों को खाद देने में संलिप्त पाया गया तो विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। धान की कटाई के तुरंत बाद से ही अक्तूबर में किसानों को गेहूं, सरसों, चना आदि रबी की फसलों की बुआई के लिए जरूरी डीएपी खाद चाहिए जिसकी तस्करी पहले पंजाब की ओर होती रही है। जिला अम्बाला में करीब 88 हजार हेक्टेयर जमीन पर गेहूं की खेती की जाती है हालांकि सरकार और कृषि विभागों के विविधिकरण के प्रयासों के कारण इसका रकबा लगभग 80 हजार हेक्टेयर रहनेकी उम्मीद है लेकिन इसके बदले सरसों का रकबा बढ़ने की आशा है। कुल मिलाकर अम्बाला के किसानों को रबी सीजन के लिए कुल मिलाकर करीब 2 लाख बैग खाद की जरूरत होती है।
नहीं है खाद, कहीं अधिक दाम वसूले जा रहे
भाकियू चढूनी के ब्लाॅक-1 के प्रधान सुखविंद्र सिंह जलबेड़ा सहित किसानों का कहना है कि जरूरत के अनुसार खाद उपलब्ध नहीं है। खाद के लिए किसान सरकारी बिक्री केंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं। सरकारी केंद्रों पर खाद नहीं मिल रही है। प्राइवेट दुकानदार 50 से 100 रुपए अधिक में बेच रहे हैं जो मजबूरी में खरीदना पड़ रहा है। डीएपी खाद की जगह एसएसपी व यूरिया का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है लेकिन यह किसानों के लिए महंगा सौदा है, तुरंत पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध करवाई जाए।