पुरुषोत्तम शर्मा/ हप्र
सोनीपत, 6 मार्च
केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ 100 दिन से आंदोलनरत किसानों ने शनिवार सुबह
केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेस-वे को जाम कर दिया। किसान 5 घंटे तक केएमपी-केजीपी के जीरो प्वाइंट पर बैठे रहे। इधर, केएमपी बंद होने बाद प्रशासन ने केजीपी के एंट्री प्वाइंट जगह-जगह बंद कर दिए। इस दौरान वाहन चालकों को भारी परेशानी हुई और हाईवे पर लंबा जाम लगा रहा।
सुबह 11 बजे से चक्का जाम का ऐलान किया गया था। इससे पहले ही केएमपी पर करीब 6 हजार किसान एकत्रित हो गये। किसान करीब 200 ट्रैक्टर लेकर केएमपी पर पहुंचे। महिलाएं भी ट्रैक्टर चलाकर जाम लगाने पहुंचीं। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने जीरो प्वाइंट पर अस्थाई मंच तैयार कर लिया था। मंच से किसान नेता डाॅ. दर्शनपाल, दलजीत सिंह राजेवाल, बलदेव सिंह सिरसा, सुरजीत सिंह, रामसिंह लगातार शांति बनाए रखने की अपील करते रहे। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए भविष्य में आंदोलन को लेकर कड़े निर्णय लेने की चेतावनी भी दी। किसान नेताओं ने कहा कि कृषि कानून रद्द करवाने के बाद ही वे घर लौटेंगे। आंदोलन जितना लंबा होगा, किसानों के इरादे उतने ही मजबूत बनते जाएंगे। इस दौरान युवा किसानों ने सरकार का पुतला फूंका और नारेबाजी की। आंदोलन के दौरान कई बार टकराव के हालात भी बने, लेकिन किसान नेताओं ने स्थिति को संभाल लिया। किसानों ने इस दौरान बेहद जरूरी काम से जाने वाले वाहनों को आगे निकलने भी दिया।
पंजाब के किसानों ने काले रंग की पगड़ी पहन कर, तो हरियाणा के किसानों ने तिरंगे के साथ काले झंडे लहराकर सरकार का विरोध किया। केएमपी पर लंगर भी लगाया गया।
फंसे रहे लोग : जीटी रोड पर जाम की स्थिति बनी रही। बहालगढ़ चौक और मुरथल चौक से पुलिस ने वाहनों को दूसरे मार्गों पर डायवर्ट किया। केएमपी व बहालगढ़ चौक के पास से हजारों वाहन दूसरे मार्गों पर भेजे गये। बहालगढ़, मुरथल व रोहट के पास जाम की स्थिति बनी रही। इस दौरान कई स्थानों पर वाहन चालक काफी देर तक फंसे रहे और बाद में लौट गये। किसानों के रोष प्रदर्शन के दौरान पुलिस की 4 कंपनियां 3 डीएसपी के नेतृत्व में तैनात रहीं। पुलिस को जाम की स्थिति से निपटने के लिए दिनभर मशक्कत करनी पड़ी।
भाजपा हारेगी तो किसान जीतेंगे : कांग्रेस
नयी दिल्ली (एजेंसी) : कांग्रेस ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के 100 दिन पूरा होने की पृष्ठभूमि में शनिवार को सरकार पर अन्नदाताओं के साथ ‘अत्याचार करने’ का आरोप लगाया और कहा कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार सुनिश्चित होने से ही आंदोलनकारी किसानों की जीत का रास्ता खुलेगा। मुख्य विपक्षी पार्टी ने देश के मध्यम वर्ग सहित समाज के विभिन्न तबकों से किसानों का समर्थन करने की अपील भी की। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘देश की सीमा पर जान बिछाते हैं जिनके बेटे, उनके लिए कीलें बिछाई हैं दिल्ली की सीमा पर। अन्नदाता मांगे अधिकार, सरकार करे अत्याचार!’ पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार अपने अहंकार में किसानों की आवाज को अनसुना कर रही है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार ने इन बीते 100 दिनों में किसानों के साथ क्रूरता, निर्दयता और बर्बरता की सारी हदें पार दी हैं। यह सरकार अपने बहुमत के अहंकार में अंधी हो गई है।’
राजनीति कर रहा है विपक्ष : तोमर
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने शनिवार को कहा कि सरकार आंदोलनकारी किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए तीन नए कृषि कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने कृषि-अर्थव्यवस्था की कीमत पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने और किसानों के हित को नुकसान पहुंचाने के लिए विपक्षी दलों पर हमला किया। केंद्रीय मंत्री ने एग्रीविजन के राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि क्या विरोध इस कीमत पर किया जाना चाहिए कि देश का नुकसान हो।