चंडीगढ़,19 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ नगर निगम यूटी के गांवों में आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों में अधिक भूमि कवरेज(एफएआर), अतिरिक्त मंज़िलें, बेसमेंट और कवर क्षेत्र की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। इसके लिए शहर के निर्माण के उपनियमों में बड़ी ढील देने पर विचार किया जा रहा है। मंगलवार को होने वाली निगम सदन की बैठक में इस बारे में एजेंड़ा लाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि निगमायुक्त ने गत वर्ष जुलाई में अतिरिक्त आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था, जिसने चंडीगढ़ ग्रामीण पुनर्वास निर्माण और पुनर्निर्माण भवन उपनियम, 2017 में संशोधनों की सिफारिश की थी। सदन की बैठक से पहले समिति और निगम की इंजीनियरिंग विंग की सिफारिशों को पेश किया जाएगा। बैठक में एजेंडे के अनुमोदन के बाद इसे प्रशासन के मुख्य वास्तुकार को मंजूरी के लिए भेजा जायेगा
उल्लेखनीय है कि सेक्टरों में आवासीय सम्पत्ति पर लगे कर से 125 वर्ग गज तक के भूखंडों को छूट दी गई है। बताया जाता है कि गांवों में भी इस नीति को अपनाया जायेगा व संशोधित नियमों में इतने आकार के भूखंडों पर शतप्रतिशत कवरेज को, रोशनी की उचित व्यवस्था के साथ अनुमति देने की सिफारिश की गई है।
निगम सूत्रों के अनुसार, उपनियमों में संशोधन के लिए तैयार ड्राफ्ट में गांवों में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अतिरिक्त जमा राशि के साथ 100 प्रतिशत जमीनी कवरेज की सिफारिश की गई है। वर्तमान में एक गांव की इमारत के 50 वर्ग मीटर का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए करने की अनुमति है। बड़ी दुकानों के मालिक अपनी निर्माण योजनाओं को प्रस्तुत नहीं करते हैं, जिससे ड़िजाइन चेंज शुल्क के रूप में राजस्व हानि होती है। प्रस्तावित ड्राफ्ट में भूखंडों में बेसमेंट का प्रावधान भी किया गया है।
मौजूदा भवनों में फीस देकर कर सकेंगे मामूली बदलाव
संशोधित प्रस्ताव में पहले से बने भवनों के डिज़ाइन में मामूली बदलाव पर शुल्क लगाने का भी प्रस्ताव है, यह प्रस्ताव मूल डिज़ाइन का भाग नहीं हों। संबंधित अधिकारी ने बताया कि इसके लिए कंपोजिशन शुल्क 500 रुपये प्रति चेंज लगाया जाएगा, ताकि कंपाउंडेबल उल्लंघनों को नियमित किया जा सके। इसके लिए पर्यवेक्षक वास्तुकार, संरचनात्मक इंजीनियर और प्लंबर द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र मालिक द्वारा प्रस्तुत करने के बाद, निगम ओक्युपेशन सर्टिफिकेट जारी करेगा।