चंडीगढ़, 7 मार्च (ट्रिन्यू)
मौजूदा पंजाब की कैप्टन सरकार के कार्यकाल का अंतिम बजट सोमवार को वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल पेश करेंगे। इसको लेकर वे रविवार को दिनभर वित्त विभाग के अफसरों के साथ चर्चा करते रहे। उन्होंने 2021-22 के राज्य बजट को अंतिम रूप दिया। कोरोना महामारी के बाद लगे लॉकाडाउन के बाद अब राज्य की अर्थव्यस्था फिर से सुधर रही है। मौजूदा सरकार के अंतिम बजट से कर्मचारियों, पेशनरों और किसानों को खासी उम्मीदें हैं। सरकार के पास वर्ष 2017 में किये गये चुनावी वादों को पूरा करने का यह अंतिम मौका है। 2015-21 के दौरान पंजाब सरकार ने कुल राजस्व का 61 प्रतिशत अपने संसाधनों से जुटाया और शेष 39 प्रतिशत केंद्र सरकार से फंड के तौर पर प्राप्त हुआ। कुल आमदनी का व्यय 80 प्रतिशत पक्के खर्चों में किया गया। विपक्ष सरकार से किसानों का पूरा कर्ज माफ करने की मांग कर रहा है जबकि सरकार ने सूबे के 5.84 लाख किसानों का 4624.32 करोड़ रुपया ही माफ किया है। अंतिम बजट में कर्मचारी और पेंशनर्ज सरकार से 6वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं जबकि इसके लिए 7000 करोड़ रुपये का प्रबंध करना होगा।
7 सूत्रीय एजेंडा पर तत्काल कार्रवाई करने के आदेश
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने रविवार को सभी राज्य विभागों को 7 सूत्रीय एजेंडे पर तत्काल कार्रवाई करने के आदेश जारी किये हैं। ‘कामयाब और खुशहाल पंजाब’ के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए लोगों, उनकी संपत्तियों और रोजगार की सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं पर आक्रामक तरीके से काम करने के लिए विभागों को निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने एक प्रेस ब्रीफ में बताया कि उनके चुनावी घोषणा पत्र में किये गये 86.6 प्रतिशत वादे पूरे किये जा चुके हैं जबकि शेष के लिए अभी सरकार का एक साल का कार्यकाल बाकी है।