करनाल, 24 जुलाई (हप्र)
संयुक्त किसान मोर्चा शांति भंग करने वाले शरारती लोग का सहयोग नहीं करेगा। निर्धारित स्थलों पर ही शांतिपूर्वक धरने-प्रदर्शन करेंगे। यह आश्वासन शनिवार को किसान नेताओं ने डीसी के साथ हुई बैठक में दिया। डीसी निशांत कुमार यादव ने भारतीय किसान यूनियन व संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ लघु सचिवालय में बैठक की। डीसी ने कहा कि जिस तरह से किसानों को अपना आंदोलन करने का अधिकार है उसी तरह नेताओं को भी जन प्रतिनिधि होने के नाते जनता से मिलने, उनके बीच जाने और उनकी समस्याएं सुनकर उनका समाधान करने का अधिकार है। यह प्रजातांत्रिक मूल्यों की बात है। इसे बनाए रखने के लिए किसी भी पक्ष को दूसरे के अधिकारों का हनन नहीं करना चाहिए।
बीते दिनों हिसार, सिरसा और टोहाना में किसानों के प्रदर्शन और वीआईपी दौरों के बीच हिंसात्मक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं उम्मीद से परे थी, जो नहीं होनी चाहिए थी। कोई भी वीआईपी, नेता व मंत्री जब जनता के लिए मीटिंग करने आएं तो उसमें खलल बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि किसान शांतिप्रिय वर्ग है, लेकिन कुछ शरारती लोग ही उपद्रव मचाकर माहौल बिगाड़ते हैं। उन्होंने कहा कि आपकी लड़ाई कृषि कानूनों के खिलाफ है, व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं होनी चाहिए। बैठक में एसपी गंगाराम पुनिया भी मौजूद थे।
मोर्चो के बड़े नेताओं के मानते हैं आदेश
इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष सेवा सिंह आर्य, संयुक्त किसान मोर्चा के मास्टर रामकुमार, जगदीप सिंह औलख, रामपाल चहल बीबीपुर जाटान और जिला प्रधान यशपाल राणा ने अपनी-अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि झगड़ा या हिंसा करना किसानों का काम नहीं, हम तो केवल संयुक्त मोर्चा के बड़े नेताओं के आदेशों का पालन करते हैं। जब तक हमारी नहीं सुनी जाती हमारा प्रदर्शन शांति से जारी रहेगा। अगर कोई गड़बड़ करता है या वीआईपी के दौरे में उपद्रव का कारण बनता है अथवा रास्ता रोकने की बात करता है तो हम उसका सहयोग नहीं करेंगे। ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करे।