हरीश लखेड़ा (ट्रिन्यू)
नयी दिल्ली, 28 सितंबर
लॉकडाउन के दौरान शुद्ध हुई आबोहवा अब पराली के धुंए से खराब होने लगी है। खासतौर पर पंजाब में जलाई जा रही पराली का धुंआ अब दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचने लगा है। इससे अब दिल्ली समेत उत्तर भारत की आबोहवा खराब होने लगी है। दिल्ली एनसीआर की आबोहवा लॉकडाउन के दौरान शुद्ध हो गई थी, लेकिन मानसून की विदाई के साथ हवा का रुख दक्षिण पश्चिम हो जाने से पराली का धुंआ दक्षिणी हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक पहुंचने लगा है।
कितनी शुद्ध है हवा : बहरहाल, अब उत्तर भारत में फिर से एयर क्वॉलिटी इंडेक्स बढ़ने लगा है। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई 107, गुरुग्राम-156, फरीदाबाद-148, नोएडा- 171, ग्रेटर नोएडा- 200 रहा। हरियाणा के अन्य शहरों में पलबल में 111, पानीपत-157, यमुनानगर-150, बल्लभगढ़-197, अंबाला- 137, बहादुरगढ़- 128, जींद- 127, कुरूक्षेत्र-118 रहा। हरियाणा के पंचकूला में अभी यह स्तर 85 है। चंडीगढ़ में 107 रहा। पंजाब के अमृतशर में 101 व पटियाला में 103 रहा।
दिल्ली में और बिगड़ेगी हालत
अब पंजाब, हरियाणा के साथ ही दिल्ली समेत एनसीआर के प्रमुख शहरों में हवा की गुणवत्ता खराब होने लगी है। माना जा रहा है कि पंजाब के बाद अब शीघ्र ही हरियाणा में भी पराली जलाने की घटनाएं शुरू होने पर हवा और भी बिगड़ सकती है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स अब 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’ तक पहुंच गया है। 200 का पायदान पार करते ही हवा की गुणवत्ता खराब मानी जाती है। मानसून के दौरान भी बारिश के कारण आबोहवा ठीक रही, लेकिन अब पंजाब में धान की पराली जलाने की घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं।
अदालत में अर्जी दायर : दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को उस अर्जी पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा जिसमें इस आधार पर पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने पर रोक के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया गया है कि इससे कोविड-19 संबंधी समस्याएं और बढ़ सकती हैं। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी किया है। अर्जी अधिवक्ता सुधीर मिश्रा की ओर से दायर की गई थी जिन्होंने अदालत से आग्रह किया कि केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया जाए कि वह मुद्दे के समाधान के लिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों के बीच एक बैठक का समन्वय करे।