पानीपत, 12 दिसंबर (निस)
केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण की मॉनीटरिंग के लिये बनाये गये कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के आदेश पर पानीपत की कोयला बेस्ड इंडस्ट्री पिछले करीब एक सप्ताह से बंद है, जिसमें डाई हाउस, मिंक व पोलर कंबल व थ्री डी चादर आदि की फैक्टरियां शामिल हैं। हालांकि पीएनजी व एलपीजी गैस बेस्ड फैक्टरियों को चलाने की अनुमति है लेकिन गैस बेस्ड इंडस्ट्री पानीपत में कम हैं। कोयला बेस्ड इंडस्ट्री बंद होने से पानीपत से होने वाले निर्यात व देशभर में होने वाले घरेलू कारोबार पर असर पड़ा है। इसका सीधा असर यहां के ट्रांसपोर्टर पर पड़ा है। पानीपत से पहले जहां करीब 500 ट्रक रोजाना टेक्सटाइल उत्पादों के लोड होकर मुम्बई पोर्ट सहित देशभर में जाते थे, उनकी संख्या अब घटकर करीब 150 रह गई है। इंडस्ट्री बंद होने से पानीपत के ट्रांसपोर्टरों का काम एक तिहाई से भी कम रह गया है।
आज से 8 घंटे चलेगी कोयला बेस्ड इंडस्ट्री
पानीपत डायर्स एसोसिएशन के महासचिव मुकेश रेवड़ी ने बताया कि कोयला आधारित इंडस्ट्री एक सप्ताह तक बंद रहने के बाद सोमवार से 8 घंटे एक शिफ्ट में सुबह 9 से लेकर शाम 5 बजे तक चलेगी।
समाधान करवायें सांसद व विधायक : धर्मबीर मलिक
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट के हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष धर्मबीर मलिक ने कहा कि पानीपत ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से संबंधित ट्रांसपोर्टरों के सभी 5 हजार ट्रक यहां की इंडस्ट्री का माल लेकर यहां से जाते हैं और कच्चा व अन्य माल लेकर पानीपत आते हैं। इंडस्ट्री बंद होने से ट्रांसपोर्ट के कारोबार पर भारी असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि पहले कोरोना के चलते ट्रांसपोर्टरों पर भारी मार पड़ी और फिर डीजल के भाव बढ़ने से परेशानियों का सामना करना पड़ा था। अब इंडस्ट्री बंद होने से कारोबार एक तिहाई से भी कम रह गया। धर्मबीर मलिक ने कहा कि सरकार को पानीपत की कोयला आधारित इंडस्ट्री को बंद करने की बजाय, उद्यमियों के सामने आ रही दिक्कतों का बातचीत करके समाधान करना चाहिये। धर्मबीर मलिक ने कहा कि भाजपा के सांसद संजय भाटिया, शहरी विधायक प्रमोद विज व ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा को भी यहां के फैक्टरी मालिकों को पूर्व विधायक बलबीर पाल शाह की तर्ज पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलवाकर समाधान करवाना चाहिये।
5000 ट्रक हैं पानीपत में
पानीपत के ट्रांसपोर्टरों के पास करीब 5 हजार ट्रक हैं । पानीपत से होने वाले निर्यात का ज्यादातर माल मुुम्बई और घरेलू कारोबार का माल यहां से पूरे देश में जाता है। पानीपत के ट्रांसपोर्टरों ने रविवार को मीटिंग कर केंद्र व प्रदेश सरकार से टेक्सटाइल नगरी के उद्यमियों व निर्यातकों की समस्या का जल्द समाधान की मांग की है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि इंडस्ट्री ही नहीं चलेगी तो सैकड़ों ट्रांसपोर्टर का काम ही बंद हो जाएगा।