भिवानी, 28 सितंबर (हप्र)
एआईकेकेएमएस से जुड़े किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया। इस अवसर पर जिला सचिव रोहतास सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने संसद में ये किसान-विरोधी कानून जबरन पास कराये हैं। सरकार प्रतिवाद और विरोधी आवाजों को दबा रही है और ये कदम पूंजीपतियों व कारपोरेट घरानों को खुश करने के लिए उठा रही है। वहीं, बिजली बिल (संशोधन) विधेयक 2020 किसान-मजदूर विरोधी व जनविरोधी हैं। देशी-विदेशी कारपोरेट के हाथों में किसानों की गर्दन दे दी है। सभी दालों, अनाज, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओं के दायरे से बाहर करना किसानों पर एक भीषण हमला है। इन कृषि कानूनों को बनाकर भाजपा सरकार किसानों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ संविदा खेती में फंसने के लिए मजबूर कर रही है, जिससे विशेष रूप से छोटे और मध्यम किसान बर्बाद हो जाएंगे।
एनएसयूआई ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
3 अध्यायदेशों के विरोध में एनएसयूआई ने भी प्रदर्शन किया और डीसी को ज्ञापन सौंपा। एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव राकेश शर्मा व छात्र नेता सुधांशु शर्मा ने कहा कि तीन अध्यायदेशों से किसानों को बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने प्रदर्शन कर सरकार से आग्रह किया कि सरकार अध्यादेशों को वापस ले व किसानों की पिछली खराब हुई फसलों का मुआवजा जल्द से जल्द दे। प्रदर्शनकारियों में मोहित परमार, साहिल शर्मा, अनमोल, आदित्य शर्मा और यमन शामिल थे।