चंडीगढ़, 21 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा में पिछले 6 साल के दौरान मॉब लिंचिंग की कोई घटना सामने नहीं आई है। इसके चलते प्रदेश सरकार इस संबंध में कोई कानून नहीं बनाएगी। हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायक आफताब अहमद द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने के बाद राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस संबंध में जो दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसके आधार पर सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने अधिकार क्षेत्र में सक्रिय रहें। पुलिस अधीक्षक ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए जिम्मेदार होंगे। गृहमंत्री के अनुसार, ऐसी किसी भी घटना की सूरत में सरकारी कर्मचारियों से अगर कोई चूक होती है तो उनकी जिम्मेदारी तय करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों तथा डयूटी मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिए गए हैं कि वह विभिन्न समूहों के लोगों के बीच सदभावना सुनिश्चित करने का प्रयास लगातार जारी रखें। विज ने बताया कि सबसे अहम खुफिया एजेंसियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं के संभावित क्षेत्रों में अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए समय रहते आला अधिकारियों को सूचित करें।
इसके अलावा सरकार द्वारा पुलिस आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों को ऐसे केसों में नोडल अधिकारी नियुक्त किया जा चुका है। विज ने साफ किया कि प्रदेश के किसी भी जिले से वर्ष 2015 से लेकर आज तक मॉब लिंचिंग की घटना का मामला सामने नहीं आया है। इसलिए इस तरह का कानून बनाने की सरकार की कोई योजना नहीं है।