पिंजौर (निस) : कालका-चंडीगढ़ रेल लाइन पर मॉडल टाउन के समीप मंगलवार को दिल्ली से कालका की ओर आ रही शताब्दी एक्स्प्रेस ट्रेन की चपेट में आने से सकूनवती (61) की मौत हो गई। जीआरपी कालका थाना से जांच अधिकारी धर्मपाल ने बताया कि ट्रेन ड्राइवर बृजेश ने सूचना देते हुए बताया कि उनोंने दूर से रेल ट्रैक पर किसी को बैठे हुए देखकर हार्न बजाया लेकिन एक महिला उठकर ट्रैक पर ट्रेन के आगे खड़ी हो गई। ड्राइवर के बयानों के आधार पर रेलवे पुलिस ने आत्महत्या की आशंका जताते हुए मामला दर्ज कर शव को कालका अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। छानबीन करने पर महिला की शिनाख्त गांव वासुदेवपुर गुरुकुल वेल्फेयर सोसाइटी निवासी के रूप में हुई परिजनों ने उसे मानसिक रोगी बताया है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।