नयी दिल्ली, 20 नवंबर (एजेंसी)
तीन विवादित कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के सदस्य अनिल जे. घनवट ने इन कृषि कानूनों को व्यापक विचार-विमर्श किये बिना जल्दबाजी में लाने का आरोप लगाते हुए सरकार से देश में कृषि एवं किसानों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘आजादी के 70 वर्ष बाद भी देश में व्यापक कृषि नीति नहीं है और अभी तक हम अंग्रेजों की बनाई नीतियों पर ही चल रहे हैं, जो किसानों को लूटने वाली थी।’ उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सरकार को सबसे पहले देश में कृषि एवं किसानों की स्थिति पर श्वेतपत्र जारी करना चाहिए। इसमें यह उल्लेख हो कि कितने किसान हैं, कौन किसान हैं, वे क्या उगाते हैं और कैसे उगाते हैं। किसानों पर किन-किन श्रेणियों में कितना कर्ज है और उनकी स्थिति क्या है। घनवट ने कहा कि सरकार को कृषि सुधारों के सम्पूर्ण आयामों पर विचार करने के लिए एक ऐसी समिति बनानी चाहिए जिसे संवैधानिक दर्जा प्राप्त हो। इस समिति में कृषि विशेषज्ञ, मंत्रालयों के प्रतिनिधि, किसानों सहित किसान संगठनों के नेता, राजनीतिक दलों के नेता, विपक्ष के नेता सहित सभी पक्षकारों को शामिल किया जाए।